डॉ.मंजूसिंह पर जारी रहेगा मेडीकल कौंसिल का प्रतिबन्ध
उच्च न्यायालय से नहीं मिली राहत,स्थगन का आवेदन खारिज
रतलाम,9 मार्च (इ खबरटुडे)। मेडीकल कौंसिल द्वारा प्रतिबन्धित की गई महिला रोग विशेषज्ञ डॉ.मंजूसिंह को उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिल सकी है। उच्च न्यायालय ने डॉ.मंजूसिंह द्वारा एमसीआई के आर्डर पर स्थगन देने के आवेदन को निरस्त कर दिया है। स्थगन के आवेदन पर सीएमएचओ द्वारा प्रस्तुत आपत्ति के चलते स्थगन के आवेदन को निरस्त किया गया।
उल्लेखनीय है कि मेडीकल कौंसिल द्वारा महिला रोग विशेषज्ञ डॉ.मंजू सिंह और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.पुष्पेन्द्र शर्मा दोनो पर ही प्रतिबन्ध लागू किया गया था। डॉ.पुष्पेन्द्र शर्मा ने मेडीकल कौंसिल के उक्त आदेश पर स्थगन देने हेतु आवेदन उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किया था,जिसे उच्च न्यायालय ने स्वीकार करते हुए डॉ शर्मा के पक्ष में स्थगनादेश जारी किया था। लेकिन डॉ.मंजू सिंह द्वारा प्रस्तुत स्थगनादेश के आवेदन को उच्च न्यायालय ने आज निरस्त कर दिया।
न्यायालयीन सूत्रों के अनुसार,डॉ.मंजू सिंह द्वारा प्रस्तुत आवेदन पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.पुष्पेन्द्र शर्मा ने अपने अभिभाषक के माध्यम से आपत्ति प्रस्तुत की थी। अपनी आपत्ति में डॉ.पुष्पेन्द्र शर्मा ने न्यायालय को बताया कि मेडीकल कौंसिल ने एमसीआई की अवमानना और एमसीआई की निष्ठा पर प्रश्नचिन्ह लगाए जाने के कारण डॉ.मंजूसिंह पर छ: माह का प्रतिबन्ध लगाया है। डॉ.मंजूसिंह एक आपराधिक प्रवृत्ति की महिला है। उनके विरुध्द सरकारी दवाओं की चोरी,रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार होने,नाबालिग बालिकाओं के गर्भपात जैसे अनेक आपराधिक प्रकरण लम्बित है। डॉ मंजूसिंह अपने सेवाकाल में अपनी अनियमितताओं के चलते चार बार निलम्बित की जा चुकी है और उनके विरुध्द अभी भी तीन विभागीय जांचें लम्बित है। ऐसी स्थिति में डॉ मंजू सिंह के पक्ष में स्थगन आदेश दिया जाना उचित नहीं है। डॉ.मंजूसिंह पर लगाया गया प्रतिबन्ध उचित है और इस पर रोक नहीं लगाई जाना चाहिए। माननीय उच्च न्यायालय ने डॉ.पुष्पेन्द्र शर्मा की आपत्ति को देखते हुए डॉ.मंजूसिंह के आवेदन को निरस्त कर दिया।