December 24, 2024

तरणताल-अयोग्य कर्मचारी,अव्यवस्था का आलम

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निर्माण हुए गुजरे दो वर्ष,नहीं बन पाई कोई व्यवस्था

रतलाम,5 मई (इ खबरटुडे)। करोडों रुपए खर्च कर बनाया गया कुशाभाऊ ठाकरे तरणताल अयोग्य कर्मचारियों और नगर निगम के अनिर्णय के चलते न सिर्फ अव्यवस्थाओं के घेरे में है,बल्कि यहां आने वाले लोगों को सारी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। अकुशल और अयोग्य कर्मचारियों के कारण जितनी व्यवस्थाएं है,वे भी अव्यवस्थित हो चुकी है। यदि तरणताल पर शीघ्र ध्यान ना दिया गया,तो दशकों के इंतजार के बाद नगर को मिली यह सौगात बेकार होकर रह जाएगी।
उल्लेखनीय है कि कई दशकों की मांग के बाद करीब दो वर्ष पूर्व 24 जुलाई 2013 को यह तरणताल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा रतलाम की जनता को सौंपा गया था। तरणताल संचालन के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति की जाना थी। तत्कालीन नेताओं ने योग्यता की बजाय राजनीतिक पंहुच को महत्व देते हुए पार्षद एल्डरमेनों के रिश्तेदारों आदि को तरणताल पर लाइफगार्ड और अन्य पदों पर संविदा आधार पर नियुक्त कर दिया। कर्मचारियों में योग्यता के अभाव का पहला खामियाजा शहर ने तब भुगता,जब उद्घाटन के फौरन बाद मात्र छ: फीट की गहराई वाले इस स्विमिंगपुल में एक युवक की डूबने से मौत हो गई। स्विमिंगपुल पर जमकर हंगामा हुआ और स्विमिंगपुल बंद कर दिया गया। लम्बे समय तक स्विमिंग पुल बंद रखा गया। बाद में जब खोला गया तो इसकी व्यवस्थाओं की स्थिति और भी खराब हो चुकी थी।
स्विमिंगपुल पर हादसे के बावजूद कर्मचारी बदले नहीं गए थे। निगम सूत्रों का कहना है कि चूंकि सभी नियुक्तियां राजनैतिक दबाव के कारण हुई थी और राजनीतिक आका अभी भी महत्वपूर्ण है,तो इन अयोग्य कर्मचारियों को झेलना निगम की और शहर के लोगों की मजबूरी है।

न नीति ना कोई योजना

अयोग्य और अकुशल कर्मचारियों की समस्या तो है ही,राजनैतिक नेतृत्व के अभाव में स्विमिंगपुल संचालन के लिए कोई नीति या योजना भी नहीं बनाई जा सकी है। हादसे से डरे सहमे निगम के अधिकारियों ने स्विमिंगपुल पर तैनात अयोग्य कर्मचारियों को जो मौखिक निर्देश दे दिए हैं वे ही कानून बने हुए है। कर्मचारियों में व्यावहारिक समझ भी नहीं है। स्विमिंगपुल पर नियमित आने वाले एक 86 वर्षीय वृध्द चिकित्सक को भी वे टिकट लेने के लिए लाइन में लगने को मजबूर करते है। डरे अधिकारियों ने एक बैच में अधिकतम तीस व्यक्तियों को प्रवेश देने का नियम बना दिया है। मजेदार बात यह है कि तीस व्यक्तियों पर स्विमिंग पुल में बारह कर्मचारी तैनात है। इतनी बडी संख्या में कर्मचारी होने के बावजूद ना तो नियमित साफ सफाई हो रही है और ना ये कर्मचारी कुछ काम ही करते है। नगर निगम अब तक यहां मासिक या वार्षिक सदस्यता जैसी व्यवस्था भी नहीं हुई है।

सोना बाथ-स्टीम बाथ भी नदारद

जब स्विमिंगपुल का निर्माण हुआ था तब यह सोचा गया था कि स्विमिंगपुल सर्वसुविधायुक्त हो। इसी को ध्यान में रखते हुए यहां स्टीम बाथ सोना बाथ आदि की सुविधाओं के साथ जिम और केन्टीन आदि की व्यवस्थाएं रखने का भी प्रावधान किया गया था। लेकिन तरणताल शुरु हुए दो साल गुजर चुके है,लेकिन अब तक ये सारी सुविधाएं प्रारंभ नहीं हुई है।

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