इन्दौर रतलाम रेलमार्ग को मुम्बई दिल्ली रेलमार्ग से जोडने की योजना प्रस्तुत
रतलाम 2 नवम्बर (इ खबरटुडे)। पूर्व सांसद प्रतिनिधि एवं नगर नियोजक अनिल झालानी ने रतलाम जंक्शन की महत्ता को बनाए रखने के लिये रेल्वे से संबंधित एक अति महत्वाकांक्षी सेक्शन योजना प्रस्तुत की है।
गत रात्रि पश्चिम रेल्वे के जनरल मेनेजर हेमन्तकुमार को गणगौर एक्सप्रेस से मुबंई रवाना होने से पूर्व प्रस्तुत अपनी योजना में अनिल झालानी ने बताया की ब्राडगेज कन्वर्शन के बाद वर्तमान में इन्दौर से आने वाली टेªनें रतलाम स्टेशन पर समाप्त हो जाती है। वहीं दुसरी ओर इन्दौर के जननेताओं, व्यापारिक संगठनों एवं मीडिया द्वारा आए दिन इन्दौर दाहोद रेल्वे लाइन शीघ्र बिछाने की मांग का दबाव बनाया जाता है जिसका विधिवत उद्घाटन भी हो चुका है परन्तु अर्थाभाव के कारण कार्य मंथर गति से चल रहा है। तीसरी तरफ इन्दौर से आनेे वाले रेलमार्ग को घुमाव व शंटिग की समस्या के कारण मुम्बई दिल्ली रेलमार्ग से संयोजित करना संभव नहीं है ऐसी जानकारी मिली है की इसके विकल्प स्वरूप रतलाम शहर के बाहर नोगावां रेल्वे स्टेशन तक 16 कि.मी. का बायपास मार्ग बनाने की रेलविभाग द्वारा एक योजना बनाई गई है।
श्री झालानी ने इन तीनों बातों को दृष्टिगत रखते हुए रेल्वे को एक सुझाव प्रस्तुत किया जिसके अंतर्गत इन्दौर मार्ग की रेल लाइन को प्लेटफार्म नं. 2 व 3 से आगे बढाते हुए जावरा रोड सडक को क्रास करके घटला कालोनी के रिक्त स्थानों में से वर्तमान “Q” ट्रेक के अन्दर ले जाकर एक निश्चित दुरी पर लेवल ढुंढकर पुनः “Q” ट्रेक के बाहर ले जाकर उसके किनारे किनारे एक लाईन बिछाई जाए जो कि दिल्ली से आने वाली रेल लाइन पर जाकर मिल जाएगी।
इस प्रकार इन्दौर से आने वाली टेªनें प्लेटफार्म 4, 5 तथा 6 पर खडी की जा सकेगी। इन टेªनों को जहां मुम्बई की ओर भेजा जा सकेगा वहीं दुसरी ओर इन्जिन की दिशा बदलते हुए दिल्ली की ओर भी चलाया जा सकेगा।
जहिर है कि इस पुरी योजना को मुर्तरूप देने में रेल्वे के पास भुमि सहित समस्त बुनियादी संसाधन उपलब्ध होने से अति न्युन लागत में इन्दौर दाहोद रेल लाइन की मांग पर होने वाले एवं नौगावां-राधाकृष्ण नगर रेल्वे बायपास की योजना का बडा उपयुक्त एवं व्यवहारिक संमाधान संभव हो सकेगा। चुंकि इन्दौर से धार होकर दाहोद लाईन की दुरी और इन्दौर रतलाम दाहोद की रेलमार्ग की दुरी में अधिक अंतर नहीं है अतः रेल्वे को उक्त प्रस्तुत योजना के क्रियान्वयन से लगभग 2000 करोड की बचत के साथ साथ इन्दौर मंुबई मार्ग के यात्रियों को समय की बचत का लाभ मिल सकेगा।
ज्ञातव्य है कि सांसद प्रतिनिधि रहते श्री झालानी ने अल्पकार्यकाल में ही रेल्वे से संबंधित अनेक लम्बित सुविधाओं को स्वीकृत कराने में सक्रिय भुमिका निभाई थी।