October 15, 2024

भोपाल में 44 दिन में 11 बार नेताओं ने प्रदर्शन के दौरान रोके रास्ते,आए दिन होने वाले धरना-प्रदर्शन से लोग परेशान

भोपाल,14 फरवरी (इ खबरटुडे)। राजधानी भोपाल में आए दिन होने वाले धरना-प्रदर्शन से लोग परेशान हो चुके हैं। विभिन्न राजनीतिक संगठन किसी भी मुद्दे को लेकर सड़क पर धरना-प्रदर्शन करते हैं। इससे ट्रैफ‍िक जाम की स्थिति बनती है। इस वर्ष 44 दिन में विभिन्न थानों में बिना अनुमति के रास्ता रोकने के 11 मामले दर्ज हो चुके हैं। वर्ष- 2020 में ऐसे 31 केस दर्ज हुए थे।

डीआइजी इरशाद वली का कहना है कि प्रदर्शन की पूर्व सूचना मिलने पर एहतियात के तौर पर संबंधित क्षेत्र में पुलिस बल लगा दिया जाता है। लोगों को असुविधा न हो, इसके लिए रूट भी डायवर्ट कर दिया जाता है। रास्ते से अवरोध हटाने के लिए पुलिस बल प्रयोग करके नेताओं, कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज देती है।

गिरफ्तारी से कतराती है पुलिस
धरना-प्रदर्शन के दौरान पुलिस नेता और उनके समर्थकों के खिलाफ रास्ता रोकने, बलवा करने और शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का केस दर्ज करती है। एडवोकेट नीरज तिवारी बताते हैं कि इनमें से रास्ता रोकना और साधारण बलवा की धारा के मामले जमानती अपराध हैं। यदि गैरजमानती धाराओं के तहत केस दर्ज होता है, तो पुलिस बड़े नेताओं की गिरफ्तारी से बचती है। ऐसे मामलों में आरोपित की अनुपस्थिति में कोर्ट में चालान पेश कर दिया जाता है। पुलिस की तरफ से तर्क दिया जाता है कि संबंधित आरोपित का वर्तमान में मिल पाना संभव नहीं हो सका है।

पिछले दिनों हुए बड़े प्रदर्शन
-छह फरवरी को परवलिया थानांतर्गत एनएच-12 स्थित ओवरब्रिज पर कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में प्रदर्शन किया। इस दौरान लंबा जाम लग गया था। पुलिस ने पूर्व मंत्री पीसी शर्मा सहित उनके कई समर्थकों के खिलाफ धारा-143, 149,341 के तहत केस दर्ज किया था।

-23 जनवरी को कांग्रेस ने रंगमहल सिनेमा के सामने बड़ा प्रदर्शन किया था। इस मामले में टीटी नगर थाना पुलिस ने पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष कैलाश मिश्रा सहित उनके डेढ़ हजार समर्थकों के खिलाफ धारा-147, 148,186, 188, 353, 332 के तहत केस दर्ज किया था।

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