Raining Havoc : भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने से तबाही, 34 की मौत, दिल्ली से शिमला तक सड़कें बनीं समंदर
नई दिल्ली,10जुलाई(इ खबर टुडे)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में बीते दिन भारी बारिश हुई। वहीं, रविवार के लिए भी उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग का अनुमान है कि दिल्ली-एनसीआर वालों को अभी बारिश से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। रविवार को भी भारी बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग ने रविवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
दिल्ली में शनिवार को हुई मानसून के मौसम की पहली भारी बारिश ने 20 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। भारी बारिश के कारण राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में जलभराव, पेड़ उखड़ने, वाहनों के खराब होने और यातायात जाम की समस्या उत्पन्न हुई। दिल्ली में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटे में 153 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में हुई सर्वाधिक बारिश है। इस लिहाज से देखा जाए तो जुलाई महीने में पिछले 40 साल में एक दिन में हुई ये सबसे ज्यादा बारिश है।
मौसम विभाग के एक अधिकारी के अनुसार दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक 126.1 मिलीमीटर (मिमी) बारिश दर्ज की। उन्होंने बताया कि बारिश का यह आंकड़ा 10 जुलाई 2003 के बाद सर्वाधिक है और तब 24 घंटों के दौरान 133.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। दिल्ली में लगातार मूसलाधार बारिश के कारण उफनाए नालों और जलमग्न सड़कों के कारण वाहन चालकों को भारी यातायात जाम का सामना करना पड़ा। जलभराव होने के चलते मिंटो ब्रिज को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। ऐसे में आज की बारिश भी लोगों के लिए कल की तरह परेशानी का सबब बन सकती है।
हिमाचल में 24 जून को मानसून पहुंचने के बाद से ही भारी तबाही हुई है। शनिवार देर रात मंडी और कुल्लू में बादल फटने से ब्यास नदी में अचानक पानी बढ़ गया, जिसमें तीन पुल, एक एटीएम समेत चार दुकानें बह गईं। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में भारी बरसात को लेकर रेड व आॅरेंज अलर्ट जारी किया है। पंजाब के कई इलाकों में ट्रैक पर पानी भरने से अंबाला से ऊना-अंब-दौलतपुर चौक आने वाली वंदे भारत समेत अन्य ट्रेनों की आवाजाही ठप रही। श्रीखंड महादेव यात्रा दो दिन के लिए निलंबित कर दी गई है। राजस्थान के हनुमानगढ़ में छह इंच पानी बरसा है। वहीं, झुंझुनूं व सीकर में बाढ़ जैसे हालात हैं।
अचानक आई बाढ़ और बह गईं कारें
बादल फटने के बाद ब्यास नदी में अचानक बाढ़ आ जाने से कुल्लू-मनाली में कई गाड़ियां बह गईं। भूस्खलन से मनाली-लेह, चंडीगढ़-मनाली समेत पांच नेशनल हाईवे, 736 सड़कें बंद हो गई हैं। हेरिटेज कालका-शिमला ट्रैक पर मलबा गिरने से ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई है।