December 24, 2024

आचार्य ऋषभचन्द्र सूरीश्वर जी का निधन, मोहनखेड़ा तीर्थ में आज ही होगा अंतिम संस्कार

03_06_2021-acharya_devesh_rishabhchand_surishwar_ji_202163_84939

राजगढ़,03 मई (इ खबरटुडे)। मोहनखेड़ा जैन तीर्थ के प्रसिद्ध संत आचार्य श्री ऋषभ चन्द्र सूरीश्वर जी का बुधवार रात्रि में इंदौर के मोहक अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। श्री आदिनाथ राजेंद्र जैन ट्रस्ट मोहन खेड़ा ने सवेरे 6 बजे के करीब निधन की आधिकारिक घोषणा की।

ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी सुजान मल जैन एवं त्रिस्तुति जैन श्री संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंपालाल वर्धन ने बताया की आचार्य श्री का अंतिम संस्कार मोहन खेड़ा तीर्थ पर किया जाएगा। आचार्य श्री का अंतिम संस्कार आज ही शाम 5 बजे सिर्फ ट्रस्ट मण्डल की मौजूदगी में होगा। ट्रस्ट मैनेजिंग ट्रस्टी सुजान मल सेठ ने बताया की कोविड निमानुसार सभी गुरु भक्त अपने-अपने घरों से श्रद्धा सुमन अर्पित करें। आचार्य श्री का शिष्य परिवार भी मोहन खेड़ा पहुंच चुका है।

जन सेवा का अनूठा जज्बा था उनके मन में

आचार्य श्रीऋषभ सूरी जी के मन युवास्था से जन सेवा का अनूठा जज्बा था। वे मोहनखेड़ा को जैन तीर्थ के साथ समग्र समाज को जोड़ना चाहते थे। अपने इस अभियान में वे बहुत कुछ सफल भी हुए। भविष्य वाणी को लेकर भी उनका आकलन सटीक बैठता था। करोना को एवम उज्जैन सिहस्थ में आंधी तूफान की घटनाओं को लेकर उन्होंने भविष्य वाणिया की थी जो सटीक बैठी थी। सभी समाज के लिऐ उन्होंने 1984 में मानव सेवा चिकिस्तालय की स्थापना की जो आज संपूर्ण क्षेत्र में सेवा का पर्याय बन चुका है इसके सानिध्य में सैकड़ों नेत्र शिविर, चिकिस्ता शिविर, विकलांगो के लिए शिविर, उनके उपकरण, अपाहिजो को ट्रायसिकल, महिलाओं को हर वर्ष जन्म दिन पर सैकड़ों सिलाई मशीनें, गरीबों को अनाज, कटे फटे होठों के निशुल्क आपरेशन शिविरों का आयोजन किया गया। तीन दिन में 300बेड के करोना कोविड सेंटर का इंतजाम, समाज जनों के आर्थिक विकास के लिए बैंको की स्थापना आदि कई कार्य किए।

कोरोना को लेकर की थी भविष्यवाणी

आचार्य ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी ने कोरोना को लेकर भविष्यवाणी की थी, उन्होंने कहा था कि यदि 30 अप्रैल से 15 मई के बीच आंधी, तूफान, ओलावृष्टि और बारिश होती है तो विश्वव्यापी कोरोना वायरस की बीमारी खत्म होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा था कि 31 जुलाई के बाद मौत के आंकड़ों में 90 प्रतिशत तक की गिरावट आएगी। इसके अलावा विश्व के अनेक देशों में भूकंप, समुद्री तूफान सुनामी आदि से जनता को कष्ट सहन करना होंगे। आचार्यश्री ने कहा कि 2300 वर्ष पूर्व उज्जैन में लिखी गई भद्रबाहु संहिता जैनाचार्य के अनुसार यह महामारी आगामी तीन वर्ष तक शरद व ग्रीष्म ऋतु में जनमानस को पीड़ित कर सकती है। इस महामारी से सावधानी व सुरक्षा के नियमों का पालन करते हुए बचा जा सकता है।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds