संशोधनों के साथ पारित हुआ नगर निगम का बजट
पार्षद सीमा टाक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अन्य पार्षद हुए लामबन्द
रतलाम,1 अप्रैल(इ खबरटुडे)। महापौर डॉ.सुनीता यार्दे द्वारा प्रस्तुत नगर निगम का बजट पार्षदों द्वारा प्रस्तुत कुछ संशोधनों के बाद सर्वानुमति से पारित कर दिया गया। बुधवार को आहूत निगम परिषद के सम्मेलन में एमआईसी में नहीं लिए जाने से बौखलाई भाजपा पार्षद सीमां टांक ने फिर अपनी बौखलाहट का खुलकर प्रदर्शन किया,वहीं भाजपा पार्षद दल के अन्य सदस्यों ने श्रीमती टाक के खिलाफ कार्रवाई किए जाने हेतु महापौर को आवेदन भी दिया।
निगम के बजट सम्मेलन के दूसरे दिन कांग्रेस व भाजपा के अनेक पार्षदों ने बजट पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए इस बजट को सराहनीय बताया। पार्षदों ने बजट की प्रशंसा करते हुए इसमें अपने सुझाव प्रस्तुत किए। 30 मार्च को चर्चाओं में आई भाजपा पार्षद सीमा टाक ने आज फिर अपनी बौखलाहट का खुलकर ईजहार किया। निगम अध्यक्ष अशोक पोरवाल ने भाजपा पार्षद दल की इजाजत के बगैर सीमा टाक को बोलने का मौका दिया। सीमा टाक ने कहने को तो बजट की तारीफ की,लेकिन एमआईसी में नहीं लिए जाने की पीडा को वे छुपा नहीं पाई। उन्होने घोषणा की,कि वे इस परिषद में न तो एमआईसी में पद लेगी और ना ही किसी भी समिति में शामिल होंगी।
सीमा टाक के इस वक्तव्य पर एमआईसी के कई सदस्यों ने कडी आपत्ति ली। एमआईसी सदस्यों का कहना था कि एमआईसी चयन के मुद्दे का जिक्र परिषद में करना असंगत है। यह संगठन और महापौर का विशेषाधिकार है,इस बारे में परिषद में टिप्पणी करना उचित नहीं है। इतना ही नहीं बौखलाई हुई श्रीमती टाक ने यह भी कहा कि एमआईसी में कैसे नियुक्तियां हुई है,उन्हे पता है। इस बात पर भी एमआईसी सदस्य भडक गए। श्रीमती टाक ने कुछ निगम अधिकारियों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
बजट पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए महापौर डॉ.सुनीता यार्दे ने बजट पारित करने के लिए पक्ष और विपक्ष दोनो का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होने विश्वास व्यक्त किया कि पार्षद गण नगर विकास में सदैव सहयोग प्रदान करेंगे।
सीमा टाक के खिलाफ कार्रवाई की मांग
भाजपा के विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,सीमा टाक के व्यवहार से नाराज भाजपा के एमआईसी सदस्यों व अन्य पार्षदों ने सम्मेलन के दौरान ही सीमा टाक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग को लेकर एक पत्र महापौर को सौंपा। इस पत्र पर सम्मेलन के दौरान ही तमाम भाजपा पार्षदों के हस्ताक्षर भी करवाए गए। हांलाकि बाद में किसी भी पार्षद ने अधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की।