कलेक्टर ने भरी मीटिंग में डांटा तो सीएचएमओ को आए चक्कर, छलके आंसू
इंदौर,08 दिसंबर (इ खबर टुडे)। शासकीय विभागों के कामकाज की समीक्षा के दौरान स्वास्थ्य विभाग का सुस्त रवैया सामने आ रहा है। इसे लेकर मंगलवार को कलेक्टर मनीषसिंह ने प्रशासनिक संकुल में बैठक की और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रवीण जड़िया को डांट लगा दी।
खाद्य पदार्थों की जांच के नमूनों की जानकारी न देने पाने और जननी सुरक्षा योजना की लंबित फाइलों को लेकर कलेक्टर ने सीएमएचओ से कहा कि आपकी लगातार शिकायतें आ रही हैं कि विभाग में समय पर काम नहीं हो रहे हैं। काम नहीं हो पा रहा है तो तबादला करवा लो।
कलेक्टर की डांट के बाद सीएमएचओ तनाव में आ गए और उन्हें घबराहट होने लगी। उन्हें सीने में भी दर्द होने लगा। इसके तुरंत बाद डॉ. संतोष सिसोदिया उन्हें लेकर मेदांता अस्पताल पहुंचे। दरअसल, विभिन्न शासकीय विभागों के कामकाज की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सभी कलेक्टर और कमिश्नर से बात करेंगे। इसी सिलसिले में मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में समीक्षा पूर्व बैठक रखी गई थी। बैठक के दौरान कलेक्टर ने सीएमएचओ से यह भी कहा कि आप व्यक्ति तो अच्छे हो, लेकिन प्रशासनिक दृष्टि से काम ठीक नहीं है।
खाद्य पदार्थों के नमूनों की फाइलें तो हस्ताक्षर के लिए आती हैं, लेकिन नमूनों की जांच होकर आ रही है या नहीं, यह कोई नहीं बताता। सीएमएचओ के जाने के बाद कलेक्टर ने सिविल सर्जन डॉ. संतोष वर्मा से पूछा कि आप क्या काम करते हो? आपको काम देखना चाहिए। प्रसूति सहायता योजना के केस भी लंबित हैं। स्वास्थ्य विभाग के अलावा कलेक्टर सिंह ने खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के कामकाज पर भी अधिकारियों से पूछा। गरीब और जरूरतमंद लोगों के राशन की पात्रता पर्ची नहीं बन पाने के कारण उन्होंने जिला आपूर्ति नियंत्रक आरसी मीणा पर भी नाराजगी जताई और काम में तेजी लाने के लिए कहा।