December 24, 2024

अड्डा है जेएनयू ‘राष्ट्र विरोधी’ ताकतों का : आरएसएस ‘पांचजन्य’

panchjany

नई दिल्ली, 3 नवम्बर (इ खबरटुडे)। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुखपत्र ‘पांचजन्य’ में ‘दरार का गढ़‘ नाम से छपे लेख में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी पर आरोप लगाया गया है कि जेएनयू एक विशाल, राष्ट्रविरोधी समूह का अड्डा है जिसका उद्देश्य भारत को विघटन करना है। जेएनयू को नक्सल गतिविधियों का केंद्र होने का आरोप लगाया गया है।

मुखपत्र ‘पांचजन्य’ के कवर लेख में दावा किया गया है कि जेएनयू के नक्सल समर्थक छात्र संघों ने वर्ष 2010 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 75 जवानों की मौत का खुलेआम जश्न मनाया था। यह सब जेएनयू प्रशासन की नाक के नीचे हुआ था। इसमें आरोप लगाया गया है कि जेएनयू नियमित रूप से राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का आयोजन करता है।
आरएसएस की ओर से दावा किया गया है कि उच्चशिक्षा और रिसर्च के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान देने वाले संस्थान में खुद नेहरू और बाद में इंदिरा गांधी ने समाजिक और आर्थिक एजेंडे को आगे बढ़ाया था। पांचजन्य ने लिखा है कि जे.एन.यू. में एक बड़ा एंटी नैशनल तबका तैयार हो चुका है तो देश को तोडऩे में लगा है।

एक अन्य लेख जिसमें आरोप लगाया गया है कि जेएनयू एक ऐसा संस्थान है जहां राष्ट्रवाद को एक अपराध समझा जाता है। भारतीय संस्कृति को तोड़मरोड़ कर पेश करना आम बात है। वहां कश्मीर से सेना हटाए जाने का समर्थन किया जाता है। लेख में कहा गया है कि जब सोवियत संघ का विघटन हुआ तो जेएनयू जैसे संस्थानों में एक नया राजनीतिक विचार उभरा जिसने अपना राजनीतिक नारा‘ क्लास स्ट्रगल’ से ‘कास्ट स्ट्रगल’ में बदलना शुरू कर दिया।

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