December 25, 2024

दो साल से चोरी के मोबाइल पर चल रही थी रेलवे की हेल्पलाइन

mail and msg

चेन्नई की रहने वाली महिला प्रोफेसर का मोबाइल था

ग्वालियर,19 फरवरी (इ खबरटुडे)। रेलवे की एक कमर्शियल हेल्पलाइन दो साल से चोरी के मोबाइल पर चल रही थी। जिस मोबाइल पर हेल्पलाइन नंबर चल रहा था, वह वर्ष 2014 में ट्रेन से महिला यात्री का चोरी हुआ था। ग्वालियर जीआरपी थाने में इसकी एफआईआर दर्ज हुई थी। जीआरपी ग्वालियर ही लोकेशन के आधार पर पड़ताल करती हुई झांसी पहुंची। जीआरपी को चोरी हुआ मोबाइल झांसी कमर्शियल कंट्रोल रूम में चलता मिला। जो सिम मोबाइल में चलती मिली है, वह सिम तत्कालीन डीसीएम के नाम पर बताई गई है।

इस मामले के सामने आने के बाद रेलवे अधिकारियों में खलबली मची हुई है। रेलवे अधिकारी इस मामले पर पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं। 13 सितम्बर 2014 को तमिलनाडु एक्सप्रेस से चेन्नई की रहने वाली महिला प्रोफेसर फातिमा बाबू का बैग चोरी हो गया था। बैग में सोने-चांदी के जेवरात सहित उनका मोबाइल रखा था। सामान चोरी की रिपोर्ट उन्होंने ग्वालियर जीआरपी ब्रॉडगेज थाने में दर्ज कराई थी। चोरी गए मोबाइल के आईएमईआई नंबर के आधार पर जीआरपी स्टाफ ने इसे सर्विलांस पर लगाया। मोबाइल की लोकेशन झांसी में पाई गई।

जांच में सामने आया कि चोरी गया मोबाइल फोन 09794838973 नंबर पर चल रहा है। लोकेशन के आधार पर जीआरपी ने तलाश शुरू की। तलाश करते हुए ग्वालियर जीआरपी झांसी पहुंची तो इस मोबाइल पर रेलवे की कमर्शियल हेल्पलाइन चलती मिली। शनिवार को ग्वालियर से जीआरपी स्टाफ वहां पहुंचा।

कमर्शियल कंट्रोल में यह मोबाइल चल रहा था। जीआरपी ग्वालियर ने वहां पहुंचकर जैसे ही कॉल डिटेल रिपोर्ट(सीडीआर) दिखाई तो रेलवे अधिकारियों के होश उड़ गए। आनन-फानन में जीआरपी अधिकारियों से चर्चा की गई। जीआरपी ने मोबाइल जब्त कर लिया।

चूंकि इस नंबर की सिम का उपयोग आम लोगों की मदद के लिए किया जाता है, इसलिए सिम वापस दे दी गई। अब जीआरपी इसकी पड़ताल में जुटी है कि आखिर यह चोरी का मोबाइल कमर्शियल स्टाफ के पास कैसे पहुंचा। चूंकि जिस नंबर पर मोबाइल चलता मिला है, वह हेल्पलाइन नंबर है और हर आठ घंटे में इसका उपयोगकर्ता बदलता रहता है। जीआरपी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यह सिम एक तत्कालीन डीसीएम के नाम बताई जा रही है। जो वर्तमान में भी उत्तर मध्य रेलवे में पदस्थ हैं, लेकिन इनका मंडल बदल गया है। एक-दो दिन में जीआरपी जड़ तक पहुंच जाएगी कि यह चोरी का मोबाइल आखिर वहां कैसे पहुंच गया।

दुर्गेश दुबे, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक, झांसी रेल मंडल ने बताया कि अगर जीआरपी ने पकड़ा है तो हो सकता है चोरी का मोबाइल हेल्पलाइन पर चल रहा हो, लेकिन मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

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