November 23, 2024

शाजापुर में थर्ड जेंडर के लिए सामुदायिक स्वच्छता परिसरो में अलग से शौचालय

शाजापुर जिले में अनूठा एवं अनुकरणीय कार्य,करीब 10 थर्ड जेंडर को परिचय पत्र दिए

उज्जैन,19 मार्च (इ खबरटुडे/ब्रजेश परमार )। उज्जैन संभाग के शाजापुर जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में निर्मित हो रहे सामुदायिक स्वच्छता परिसरो में “थर्ड जेंडर” के लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था कर अनूठा एवं अनुकरणीय कार्य किया जा रहा है। 87 परिसरों में से 20 पूर्ण हो चुके हैं। स्‍वच्‍छ भारत मिशन (ग्रामीण) अन्‍तर्गत यह कार्य किया जा रहा है। इन स्वच्छता परिसरों में महिलाओं के विश्राम एवं शिशु स्तनपान कक्ष भी बनाये गये हैं।

जिला पंचायत सीईओ श्रीमती मिशा सिंह द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में निर्मित हो रहे सामुदायिक स्वच्छता परिसरो में “थर्ड जेंडर” के लिए अलग से व्यवस्था करायी गई है। इन स्वच्छता परिसरों में महिलाओं के विश्राम एवं शिशु स्तनपान कक्ष भी बनाये गये हैं। कलेक्टर दिनेश जैन के मार्गदर्शन में यह अनुठा एवं अनुकरणीय कार्य किया जा रहा है।

जिला पंचायत सीईओ श्रीमती मिशा सिंह ने बताया कि स्‍वच्‍छ भारत मिशन (ग्रामीण) अन्‍तर्गत खुले में शौच से मुक्‍त रखने के लिए महिला-पुरूषों के साथ थर्ड जेण्‍डर की आबादी को कवर करने के लिये भारत शासन के निर्देशानुसार ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक स्‍वच्‍छता परिसरों का निर्माण किया जा रहा है। जिले में अभी कुल 87 सामुदायिक स्‍वच्‍छता परिसरों का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें से 20 सामुदायिक स्‍वच्‍छता परिसर पूर्ण किये जा चुके हैं। इन सभी सामुदायिक स्वच्छता परिसरो में थर्ड जेंडर के लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था रहेगी।उनके अनुसार सभी 87 लोकेशन का चयन यह देख कर किया गया है कि ये बस स्टेंड,रेलवे स्टेशन,अन्य प्रमुख सार्वजनिक जगहों के नजदीक हैं साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग,प्रांतीय मार्ग, बडे मंदिर मेला स्थल के आसपास के क्षेत्र हैं।ग्रामीण थर्डजेंडर के साथ इसमें आवागमन करने वाले थर्डजेंडर को भी ध्यान में रखकर इस कार्य को किया गया है।

वैसे शाजापुर जिले में मतदाता सूची एवं अन्य स्त्रोत से अब तक 25 से अधिक थर्डजेंडर सामने आए हैं । इनमें से करीब 10 को परिचय पत्र भी जिला प्रशासन ने बनाकर दिए हैं।स्वच्छता परिसरों में थर्डजेंडर के लिए अलग से शौचालय बनाने में ओपन फार आल को ध्यान में रखा गया है। यात्रा करने वाले थर्ड जेंडरों को शाजापुर जिले में किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो इसका भी पुरा ध्यान रखा गया है। 87 परिसरों में पुरा जिला कवर हो रहा है। जिले में थर्डजेंडरों की पहचान का कार्य जारी है उसके बाद ही थर्डजेंडरों की कुल जनसंख्या स्पष्ट होगी।

भारतीय संस्कृति और न्यायपालिका द्वारा तीसरे लिंग को मान्यता दी गई है। भारत में 15 अप्रैल 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने एक तीसरे लिंग को मान्यता दी, जो न तो पुरुष है और न ही महिला, यह कहते हुए कि “तीसरे लिंग के रूप में ट्रांसजेंडर्स की मान्यता एक सामाजिक या चिकित्सा मुद्दा नहीं है, बल्कि एक मानवाधिकार मुद्दा है।” इस आदेशानुसार तीसरे लिंग को मान्‍यता देते हुए महिला-पुरूषों के समान ही तीसरे लिंग को अधिकार प्रदान किए गए है, जिसमें स्‍वच्‍छता का अधिकार भी सम्मिलित है। थर्ड जेण्‍डर व्‍यक्ति, यदि महिला शौचालय में जाता है तो महिलाऐं असहज हो जाती है एवं यदि पुरूषों के शौचालयों में जाता है तो दुर्व्‍यवहार की संभावना बनी रहती है, इसी को दृष्टिगत रखते हुए जिले में निर्मित किये जा रहे सामुदायिक स्‍वच्‍छता परिसरों में थर्ड जेण्‍डर हेतु अलग से महिला एवं पुरूष शौचालयों के साथ ही थर्ड जेण्‍डर के लिए भी शौचालय की व्‍यवस्‍था की गई है। जिससे कि इनको शौचालय का उपयोग करने में सुविधा हो सकें।

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