रतलाम / आयुष्मान भारत योजना के पात्र हितग्राही अपना आयुष्मान कार्ड नि:शुल्क बनवाऐं
रतलाम,30 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के अंतर्गत पात्रहिग्राहियों के नि:शुल्क कार्ड बनाए जा रहे हैं। रतलाम जिले में आयुष्मान भारत निरामयम योजना अंतर्गत सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना में चिन्हित खाद्य पात्रतापर्ची धारक तथा संबल योजना के हितग्राही को प्रत्येक वर्ष प्रत्येक परिवार को 5 लाख रूपये तक कैशलेस इलाज की सुविधा शासकीय चिकित्सालय, शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय तथा चिन्हित निजी अस्पतालों के माध्यम से दी जाती है ।
सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर ननावरे ने बताया कि सामाजिक आर्थिक एवं जातीय आधार की जनगणना में चिन्हित D1से D7 (D6 श्रेणी को छोडकर) के वंचित श्रेणी के ग्रामीण परिवार सम्मिलित हैं। वंचित श्रेणी के ग्रामीण परिवार में ऐसे परिवार जो एक कमरे के कच्चे मकान में निवासरत हैं। ऐसे परिवार जिसमें 16-59 वर्ष का वयस्क सदस्य नहीं है। ऐसे परिवार जिनकी मुखिया महिला हो एवं जिसमें जिसमें 16-59 वर्ष का वयस्क सदस्य नहीं है। ऐसे दिव्यांग सदस्य जिसमें Able Bodied पुरूष नहीं है। अनुसुचित जाति, अनुसुचित जनजाति परिवार, भूमिहीन परिवार, जिनका आय का स्त्रोत मजदूरी से प्राप्त होता है ।
व्यवसाय आधारित समावेशित शहरी परिवार में कचरा बिनने वाले, भिखारी, घरेलु कामगार, फेरी वाले, मोची, निर्माण, नलकार, मकान बनाने वाले, मजदूर, पुताई करने वाले, वेल्डिंग करने वाले, सुरक्षाकर्मी, कुली, सफाईकर्मी, नालों की सफाई करने वाले, माली, स्वरोजगारकर्मी, शिल्पकार, हस्तशिल्प कर्मी, दर्जी, परिवहनकर्मी, चालक, परिचालक, चालक व परिचालक के सहायताकर्मी, हाथ गाडी कर्मी, रिक्क्षा चालक, विघुतकर्मी, मिस्त्री, संयोजन कर्मी, मरम्मत कर्मी, धोबी चौकीदार पात्र हैं। स्वत: समावेशित परिवार में बिना पक्की छत मकान वाले, भीख पर आधारित निर्धन, सिर पर मैला ढोने वाले, विशेष जनजाति समूह, छुडाए गए बंधुआ मजदूर आदि पात्र हैं।
पात्रता के परीक्षण के लिए अपने क्षेत्र के पंचायत सचिव एएनएम आशा कार्यकर्ता आदि से संपर्क किया जा सकता है। इस संबंध में समग्र आईडी और आधार कार्ड के द्वारा (पात्र होने की दशा में) आयुष्मान कार्ड बनवाया जा सकता है। जिले में 946738 के लक्ष्य के विरूद्व 7 लाख 59 हजार कार्ड (लगभग 80 प्रतिशत) बनाए जा चुके है तथा रतलाम जिला प्रदेश में तीसरे स्थान पर हैं। योजना में अब तक 30 हजार 794 लोगों को लाभान्वित किया जाकर 31 करोड से अधिक की राशि जारी की जा चुकी है।