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अब 2-3 दिन आंधी और बारिश की संभावना–मौसम विभाग ने जताई बारिश की आशंका–हवा भी 40 से 50 किमी. प्रति घंटा के हिसाब से चलने की संभावना

Weather News:मध्यप्रदेश के आधे हिस्से में दो-तीन दिनों में आंधी-बारिश की संभावना है। भोपाल, जबलपुर, नर्मदापुरम, रीवा, चंबल, सागर और शहडोल संभाग में ज्यादा असर रहेगा। यहां 40 से 50 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। वहीं, इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर संभाग में बूंदाबांदी हो सकती है।
मौसम विभाग ने यलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इससे पहले रविवार को दिन के पारे में एक से चार डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई। भोपाल, विदिशा, सागर, दमोह, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली में बादल छाए रहे। कहीं-कहीं बूंदाबांदी और गरज-चमक की स्थिति भी बनी रही। 13 मार्च को मुरैना, भिंड में हल्की बारिश हुई। 14 मार्च को भिंड में बूंदाबांदी दर्ज की गई। वहीं, 17 मार्च को झाबुआ, रतलाम, भिंड, मुरैना, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़ में कहीं-कहीं बौछारें गिरी और बादल छाए रहे। राजधानी भोपाल में भी दिन में बादल देखने को मिले। बाकी शहरों में आसमान साफ रहा और गर्मी का असर देखा गया। 17 मार्च को भी कई जिलों में गरज-चमक, बूंदाबांदी और आंधी वाला मौसम रहा।
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आगे कैसे रहेगा मौसम
18 मार्च को कुछ जिलों में बादल छा सकते हैं। पूर्वी हिस्से में बूंदाबांदी की संभावना भी है।
18 मार्च को इंदौर, उज्जैन, भोपाल संभाग में बादल छा सकते हैं। पूर्वी हिस्से में बूंदाबांदी होने के आसार है।
19 मार्च को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, सागर और शहडोल संभाग में बादल, बारिश, गरज-चमक और आंधी का असर देखने को मिलेगा।
20 मार्च को दमोह, कटनी, उमरिया-शहडोल में आंधी, गरज-चमक का ऑरेंज अलर्ट। भोपाल, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, विदिशा, सागर, रायसेन, खंडवा, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, सागर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, जबलपुर, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडोरी, अनूपपुर, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, सतना, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़ में गरज-चमक, बारिश-आंधी का यलो अलर्ट है।

मार्च के अंत में लू चलने का अंदेशा
मौसम विभाग के अनुसार मार्च के आखिरी दिनों में प्रदेश में फिर से गर्मी का असर देखने को मिलेगा। कुछ इलाकों में लू भी चल सकती है। कई शहरों में पारा 40 डिग्री के पार पहुंच सकता है। सामान्यत: दिन का तापमान 40 डिग्री से अधिक या सामान्य से 4.6 डिग्री तक अधिक हो तो हीट वेव यानी लू की स्थिति मानी जाती है।

अप्रैल-मई में हीट वेव का असर ज्यादा
मार्च से गर्मी के सीजन की शुरुआत हो जाती है। अगले 4 महीने तेज गर्मी पड़ेगी। मौसम विभाग ने मार्च से मई तक 15 से 20 दिन तक हीट वेव चलने का अनुमान जताया है। अप्रैल-मई में हीट वेव का असर ज्यादा हो सकता है। इस कारण 30 से 35 दिन तक गर्म हवा चल सकती है। मौसम विभाग ने इस साल अप्रैल और मई में सबसे ज्यादा गर्मी पडऩे का अनुमान जताया है। इन दो महीने के अंदर ग्वालियर, चंबल, जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग के जिलों में पारा 45 डिग्री के पार पहुंच सकता है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन और नर्मदापुरम संभाग भी गर्म रहेंगे।

भोपाल में दिन में तेज गर्मी के साथ बारिश
मार्च महीने के दौरान भोपाल में दिन में तेज गर्मी पडऩे के साथ बारिश का ट्रेंड भी है। मौसम विभाग के अनुसार मार्च महीने में गर्मी के सीजन की शुरुआत हो जाती है। इसके चलते दिन-रात के तापमान में बढ़ोतरी होने लगती है। आंकड़ों पर नजर डालें तो 30 मार्च 2021 को अधिकतम तापमान रिकॉर्ड 41 डिग्री पहुंच चुका है। वहीं, 45 साल पहले 9 मार्च 1979 की रात में पारा 6.1 डिग्री दर्ज किया गया था। वर्ष 2014 से 2023 के बीच दो बार ही अधिकतम तापमान 36 डिग्री के आसपास रहा। बाकी सालों में पारा 38 से 41 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा है।

इंदौर में भी सताने लगी गर्मी
मार्च माह में इंदौर में गर्मी का असर तेज होने लगा है। यहां दिन का पारा 41.1 डिग्री तक पहुंच चुका है, जो 28 मार्च 1892 को दर्ज किया गया था। 4 मार्च 1898 को रात में पारा 5 डिग्री सेल्सियस तक रहा था। 24 घंटे में करीब एक इंच बारिश होने का रिकॉर्ड है, जबकि पूरे महीने में दो इंच पानी गिर चुका है। मौसम विभाग के अनुसार, मार्च में 2 से 3 दिन बारिश होती है। कभी-कभी धूल भरी हवा की रफ्तार भी तेज होती है।

ग्वालियर में गर्मी, ठंड-बारिश की संभावना
मार्च महीने में ग्वालियर में गर्मी, ठंड और बारिश तीनों का ही ट्रेंड है। 31 मार्च 2022 को दिन का पारा रिकॉर्ड 41.8 डिग्री पहुंच गया जबकि 1 मार्च 1972 की रात में न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री रिकॉर्ड हो चुका है। साल 2015 में पूरे महीने 5 इंच से ज्यादा पानी गिरा। वहीं, वर्ष 12 मार्च 1915 को 24 घंटे में करीब 2 इंच बारिश हुई थी।


मार्च में जबलपुर की रहती हैं रातें ठंडी
31 मार्च 2017 को दिन का पारा 41.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है जबकि 4 मार्च 1898 में रात का तापमान 3.3 डिग्री दर्ज किया गया था। यहां मार्च में मावठा भी गिरता है। पिछले 10 में से 9 साल बारिश हो चुकी है।
जबलपुर में मार्च में भी रातें ठंडी रहती हैं। पारा औसत 15 डिग्री के आसपास ही रहता है। वहीं, दिन में 36 से 40 डिग्री के बीच तापमान दर्ज किया जाता है। वहीं उज्जैन में 22 मार्च 2010 को पारा रिकॉर्ड 42.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। वहीं, 1 मार्च 1971 की रात में न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री रहा था। पिछले साल दिन में तापमान 36 से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा है।

मौसम वैज्ञानिक वीएस यादव ने बताया कि अभी राजस्थान के ऊपर और उत्तर-पश्चिमी मध्यप्रदेश के ऊपर दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव हैं। इस वजह से मौसम बदला हुआ है। 18 मार्च से फिर नया सिस्टम एक्टिव होगा। इसकी वजह से अगले दो-तीन दिनों में बारिश हो सकती है।

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