कारोबार

उबर,ओला के खिलाफ बैठी जांच, ऑनलाइन टैक्सी लेने वाले कस्टमर के साथ भेदभाव के है आरोप, जाने पुरा मामला

उबर और ओला जैसी राइड -हेलिग आप कंपनियों पर आरोप लगाए गए हैं कि ये कंपनियां एंड्राइड यूजर और आईफोन यूजर के किराए में अंतर रख रहे हैं। बताया गया है कि आईफोन यूजर से एंड्रॉयड यूजर के मुकाबले अधिक किराया वसूल किया जा रहा है। सरकार ने आज संसद में बताया कि इस मामले को गंभीरता से लिया गया है और जांच करवाई जा रही है।

उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि ओला और उबर, दोनों ने डिवाइस और ऑपरेटिंग सिस्टम के हिसाब से अलग-अलग किराया तय करने की रणनीति के आरोपों से साफ इनकार किया है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने ये आरोप इसी साल 10 फरवरी को जारी एक पत्र के जवाब में लगाए गए थे। बहरहाल, जोशी ने एक सवाल के लिखित जवाब में कहा, ‘चूंकि दोनों कंपनियों ने आरोपों से इनकार किया है, लिहाजा मामले को विस्तृत जांच के लिए डीजी (जांच) के पास भेजा गया है।’

यह मामला कई दिनों से चर्चा में चल रहा है। जनवरी महीने से इस मामले की अधिक चर्चा हो रही है।
एक सर्वे में खुलासा किया गया था कि यात्रियों ने कथित तौर पर एंड्रॉइड और आईफोन डिवाइस के माध्यम से बुक की गई समान राइड्स के लिए किराए में काफी अंतर देखा।

सर्वे में शामिल यात्रियों ने ‘डार्क पैटर्न्स’ का इशारा किया। इसमें गैर-वाजिब तरीके से कीमतें बदलना, जबरन वसूली और छिपे हुए शुल्क शामिल हैं, जो मूल्य निर्धारण में हेरफेर की आशंका पैदा करते हैं। जोशी ने सांसदों के सवालों के जवाब में कहा कि उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 प्लेटफॉर्म कंपनियों को उपभोक्ताओं पर किसी भी अनुचित मूल्य लगाकर अनुचित लाभ प्राप्त करने से रोकते हैं।

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