
Thousands of Indians living in another country are at risk, visa rules have changed, is the right to reside in the US coming to an end?
अमेरिका में रह रहे भारतीयों पर छाया संकट
–21 साल की उम्र पूरी करने के बाद भी डिपेंडेंट के तौर पर मान्य नहीं होंग
अमेरिका में लीगल तरीके से रह रहे हजारों उन भारतीयों पर भी खतरा मंडरा रहा है, जो एच-4 वीजा धारक हैं। अमेरिका में रहने वाले एच-4 वीजा धारकों के 21 साल से कम उम्र के बच्चों को एच-4 वीजा दिया जाता है, लेकिन यूएस के नये इमीग्रेशन नियमों के मुताबिक एच-4 वीजा धारक 21 साल की उम्र पूरी करने के बाद एच-4 वीजा धारकों के डिपेंडेंट के तौर पर मान्य नहीं होंगे। अमेरिका ने पहले ही अवैध प्रवासियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाकर उन्हें डिपोर्ट कर दिया है। इसमें भारतीय भी शामिल हैं, लेकिन अब अमेरिका के वर्तमान इमीग्रेशन नियमों के तहत एच-4 वीजा धारक हजारों भारतीयों के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है। एच-4 वीजा एच-1-बी वीजा धारकों के बच्चों को डिपेंडेंट के तौर पर मिलता है।
अमेरिका में बसे भारतीयों पर छाया संकट
अमेरिका में करीब 1.34 लाख भारतीय युवा ऐसे हैं, जिनकी उम्र सीमा पूरी होने वाली है और उनके परिवार को ग्रीन कार्ड नहीं मिला है। अमेरिकी इमीग्रेशन सिस्टम में परमानेंट रेजीडेंसी पाने की प्रक्रिया काफी लंबी है और इसमें 12 से 100 साल तक लग जाते हैं। अब तक इन बच्चों को दूसरा वीजा स्टेटस पाने के लिए दो साल का समय मिलता था, लेकिन अमेरिका के नये इमीग्रेशन नियमों के कारण ऐसे लाखों बच्चों के भविष्य पर संकट पैदा हो गया है। ऐसे लोग अब कनाडा और यूके जैसे देशों पर विचार कर रहे हैं, जहां पॉलिसी काफी लचीली हैं।
एच-4 वीजा की क्या है प्रक्रिया
वित्त वर्ष 2026 के लिए यूएस सिटिजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विस ने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रोसेस सात से 24 मार्च तक चलेगा। एच-1-बी नॉन इमीग्रेंट वीजा है, जिसका इस्तेमाल अमेरिकी कंपनियों में विदेशी नागरिकों को हायर करने के लिए किया जाता है। एच-1-बी वीजा का कैप अब भी 65 हजार प्रति वर्ष पर तय किया गया है। हालांकि नई रजिस्ट्रेशन फीस 215 डॉलर है। अमेरिकी सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने इस साल की शुरुआत में एच-1-बी वीजा पर सवाल उठाए थे।