महाकाल ज्योतिर्लिंग क्षरण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिए शुद्ध और सीमित मात्रा में पूजन सामग्री चढ़ाने के निर्देश
उज्जैन,01 सितंबर(इ खबरटुडे/ब्रजेश परमार)। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग क्षरण केस की सुनवाई पूरी होने के बाद मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को निर्देश दिए हैं कि वह क्षरण रोकने एक्सपर्ट कमेटी के सुझावों को अमल में लाए और हर संभव उपाय करें।
बता दें कि ज्योतिर्लिंग क्षरण का मामला अप्रैल 2017 से कोर्ट में चल रहा है। उज्जैन निवासी सारिका गुरु की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने विशेषज्ञों की एक कमेटी गठित कर मंदिर का निरीक्षण करवाया था।
कमेटी ने ज्योतिर्लिंग का क्षरण रोकने के लिए मंदिर समिति को सुझाव दिए थे। इसमें शिवलिंग का अभिषेक आरओ जल से करने, पूजन सामग्री सीमित मात्रा में उपयोग करने जैसे कई सुझाव शामिल थे। मंदिर समिति इन पर अमल भी कर रही है।
समिति ने पेश की थी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने समिति द्वारा अपनाए गए उपायों को लेकर एक रिपोर्ट तलब की थी। 25 अगस्त को समिति ने इस रिपोर्ट को कोर्ट में प्रस्तुत किया था। इसके बाद 27 अगस्त को याचिकाकर्ता का पक्ष सुना गया। सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। मंगलवार को जस्टिस अरुण मिश्रा ने फैसला सुनाया।
फैसले में यह खास
- आरओ के जल से शिवलिंग का अभिषेक हो।
- कोई भी ऐसी सामग्री जिससे शिवलिंग को नुकसान पहुंचे, न चढ़ने दी जाए।
- दूध-पंचामृत सीमित मात्रा में चढ़े व शुद्ध हो।
- समिति श्रद्धालुओं को शुद्ध पूजन सामग्री उपलब्ध कराए।
शिव की कृपा से यह फैसला भी हो गया
जस्टिल अरुण मिश्रा बुधवार को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। महाकाल शिवलिंग क्षरण मामला का फैसला उनका अंतिम फैसला है। निर्णय सुनाते हुए उन्होंने यह भी कहा कि शिव की कृपा से यह फैसला भी हो गया।