जिला स्तरीय मीडिया मॉनीटरिंग एवं प्रमाणन समिति की बैठक संपन्न
रतलाम 7 नवम्बर(इ खबरटुडे)। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार लोकसभा उप निर्वाचन 2015 में पेड न्यूज के संबंध में जिला स्तरीय एमसीएमसी समिति की बैठक आज कलेक्टर कार्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक में एम.सी.एम.सी. समिति के सदस्य धर्मेन्द्रसिंह,अपर कलेक्टर, सुरेन्द्र जैन अध्यक्ष रतलाम प्रेस क्लब एवं समिति के सदस्य सचिव क्रांतिदीप अलूने,उपसंचालक जनसम्पर्क उपस्थित थे। बैठक में अब तक समाचार पत्रों में प्रकाशित एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रसारित समाचारों की समीक्षा की गई।
क्या है पेड न्यूज
•भारतीय प्रेस परिषद ने ऐसे समाचार अथवा ऐसा निर्वाचन विश्लेषण जिसके प्रकाशन और प्रसारण के लिए शुल्क का भुगतान किया गया है, को पेड न्यूज माना है।
•समाचार जिसमें उल्लेख किया गया हो कि इनके कारण प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार चुनाव मैदान से लगभग बाहर है।
•पत्रो में एक ही साइज के समाचार फोटो के साथ ऐसे स्थान पर प्रकाषित हो, जहां सामान्यत: विज्ञापन प्रकाशित होते है।
•कुछ समाचार पत्रो में एक ही ले आउट, फोन्ट और प्रिन्ट आउट तथा फोटो के समाचार अलग-अलग पृष्ठो पर छपे हो।
•भारतीय प्रेस परिषद की मार्गदर्शिका के अनुसार सभी प्रकाशनो को न्यूज को स्पष्ट रूप से सीमांकित किया जाना चाहिये तथा विज्ञापन से भिन्न होना चाहिये।
•ऐसे समाचार जो किसी उम्मीदवार के पक्ष में हो और उन पर किसी लेखक का नाम अंकित न हो।
•किसी समाचार पत्र में बैनर, हैडलाइन में प्रकाषित किया जाय कि अमुक पार्टी या उम्मीदवार इस बार चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगा। इससे संबंधित विस्तृत समाचार उस पत्र में कहीं भी प्रकाशित न हुआ हो।
जिला स्तरीय एम.सी.एम.सी के दायित्व
•बैठक में सदस्यो को बताया गया कि जिला एम.सी.एम.सी पेड न्यूज के मामले पाए जाने पर रिटर्निग अधिकारी को सूचित करेगी।
•सूचना के आधार पर रिटर्निग अधिकारी अभ्यर्थी को पेड न्यूज के व्यय को निर्वाचन व्यय में शामिल किये जाने के लिए नोटिस जारी करेगे।
या
•उनके चुनाव खर्च में डीआईपीआर (डीएवीपी एवं जनसम्पर्क) दरों के आधार पर गणना कर व्यय को शामिल करेगे। चाहे उम्मीदवार ने वास्तव में चैनल/अखबार को किसी भी राषि का भुगतान किया हो अथवा नहीं किया हो।
•जिला एम.सी.एम.सी. से संदर्भ प्राप्त होने पर प्रकाषन/प्रसारण/सीधा प्रसारण/षिकायत की प्राप्ति के 96 घंटों के भीतर रिटर्निंग अधिकारी अथ्यर्थी को नोटिस देगे कि क्यो नहीं यह व्यय निर्वाचन व्यय में शामिल किया जाये।
•जिला एम.सी.एम.सी अपने फैसले से शीघ्र अभ्यर्थी/पार्टी को अपने अंतिम निर्णय से अवगत करायेगी।
•संबंधित अभ्यर्थी से एम.सी.एम.सी से नोटिस जारी होने के 48 घंटे के अंदर जवाब न मिलने पर एम.सी.एम.सी का निर्णय अंतिम होगा।
•यदि जिला स्तर एम.सी.एम.सी का निर्णय अभ्यर्थी के लिए स्वीकार्य नहीं है, तो वह निर्णय की प्राप्ति के 48 घंटे के भीतर जिला एम.सी.एम.सी.को जानकारी देते हुए राज्य स्तर एम.सी.एम.सी के लिए अपील कर सकते है।
अपील की प्रक्रिया
•राज्य एम.सी.एम.सी. अपील प्राप्त होने के 96 घंटे में प्रकरण का निराकरण करेगी।
•राज्य एम.सी.एम.सी अपने निर्णय से अभ्यर्थी और जिला एम.सी.एम.सी को सूचित करेगी।
• एम.सी.एम.सी.के निर्णय के विरूध्द अभ्यर्थी आदेश प्राप्त हाने के 48 घंटे में भारत निर्वाचन में अपील कर सकेगा।
•इस सम्बन्ध में भारत निर्वाचन आयोग का निर्णय अंतिम होगा।
•विज्ञापनो के सर्टिफिकेशन कार्य के लिये एम.सी.एम.सी. के दो सदस्य रिटर्निग अधिकारी और सहायक रिटर्निग अधिकारी विज्ञापनाें पर विचार कर सर्टिफिकेशन के निर्णय करेगे।
•राष्ट्रीय स्तर के राजनैतिक दलों एवं अभ्यर्थियों को इलेक्ट्रानिक चैेनल पर विज्ञापन प्रसारित करवाने के लिये अपना आवेदन कमेटी को विज्ञापन प्र्रसारण के तीन दिन पूर्व एवं अन्य राजनैतिक दलों तथा व्यक्तियों को सात दिवस पूर्व अपना आवेदन समिति को प्रस्तुत करना होगा। समिति से विज्ञापन प्रसारण की अनुमति प्राप्त होने के बाद ही विज्ञापन का प्रसारण इलेक्ट्रानिक चैनल पर किया जा सकेगा।
•शिकायतों की जांच/पेड न्यूज आदि की स्क्रूटिनी के लिये सभी सदस्य निगरानी व्यवस्था के तहत कार्य करेगे।
•एम.सी.एम.सी. उपरोक्त कार्यो के अलावा जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत मीडिया संबंधी रेग्यूलेशन को लागू करने में भी सहायता करेगी। इसमें निम्नानुसार कार्य शामिल है।
•इलेक्ट्रोनिक मीडिया में प्रसारित राजनैतिक विज्ञापन(यह चेक करने के लिये कि विज्ञापन का प्रसारण एम.सी.एम.सी के सर्टिफिकेशन के बाद हुआ हो)
•यदि कोई विज्ञापन संबंधित अभ्यर्थी द्वारा अधिकृत तौर पर प्रकाषित नहीं कराया हो तो ऐसी स्थिति में संबंधित प्रकाशक के विरूध्द आई.पी.सी. की धारा 171 ‘एच’ का उल्लंघन करने पर दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।