उदयपुर: कलेक्टर ने जिले में कई अतिरिक्त प्रतिबंध के साथ लगाई धारा 144
उदयपुर,26 सितंबर(इ खबर टुडे)। उदयपुर जिले के समीपवर्ती डूंगरपुर के काकरी डूंगरी व खेरवाड़ा में जनजाति समुदाय के युवाओं द्वारा जारी प्रदर्शन के दृष्टिगत जिला मजिस्ट्रेट चेतन देवड़ा ने एक आदेश जारी कर कानून व शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु सम्पूर्ण जिले में धारा 144 लगा दी है।
इस आदेश के तहत उदयपुर जिले के सम्पूर्ण राजस्व सीमा क्षेत्र में पांच या इससे अधिक व्यक्ति एक स्थान पर एकत्रित नहीं होंगे। इस प्रतिबंध से रेलवे स्टेशन, बस स्टेण्ड, चिकित्सकीय संस्थान, राजकीय एवं सार्वजनिक कार्यालय, तथा विद्यालय एवं महाविद्यालयों में प्रयुक्त होने वाले परीक्षा कक्ष स्थानों को एवं पंचायत चुनाव से संबंधित भवनोंध् गतिविधियों को अपवाद स्वरूप मुक्त रखा गया है।
यह प्रतिबंध रहेंगे
कलेक्टर देवड़ा ने बताया कि इन स्थानों के अतिरिक्त किसी भी स्थान पर असाधारण परिस्थिति में जिला मजिस्ट्रेट, उदयपुर ध्संबंधित उपखण्ड के उपखण्ड मजिस्ट्रेट से इस आदेश में छूट प्राप्त करने के लिये विशेष अनुमति प्राप्त करनी होगी। यह प्रतिबंध विवाह-समारोह, शव यात्रा पर लागू नहीं होगा परन्तु विवाह समारोह के संबंध में संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट को पूर्व सूचना दिया जाना अनिवार्य है एवं इनमंे कोविड-19 हेतु निर्धारित संख्या से ज्यादा लोगो का एकत्रित होना अनुमत नहीं होगा।
अस्त्र शस्त्र के प्रदर्शन पर प्रतिबंध
इस आदेश के तहत कोई भी व्यक्ति उदयपुर जिलेे की सम्पूर्ण राजस्व सीमाओं में किसी भी तरह का विस्फोटक पदार्थ, घातक रासायनिक पदार्थ, आग्नेय अस्त्र-शस्त्र जैसे रिवाल्वर, पिस्तौल, बंदूक, बी.एल.गनध्एम.एल. गन, राईफल्स व अन्य धारदार हथियार जैसे तलवार, गंडासा, फरसा, चाकू, भाला, कृपाण, बर्छी, गुप्ती ग, कटार, धारिया, बाघनख (शेर-पंजा) जो किसी धातु के शस्त्र के रूप में बना हो आदि तथा विधि द्वारा प्रतिबंधित हथियार और मोटे घातक हथियार-लाठी आदि सार्वजनिक स्थानों पर धारण कर न तो घूमेगा, न ही प्रदर्शन करेगा और न ही साथ में लेकर चलेगा। यह आदेश ड्यूटी पर तैनात सीमा सुरक्षा बल, राजस्थान सशस्त्र पुलिस, राजस्थान सिविल पुलिस,कानून व्यवस्था में तैनात अधिकारियो ध्कर्मचारियो पर लागु नहीं होगा। सिक्ख समुदाय के व्यक्तियों को धार्मिक परम्परा के अनुसार निर्धारित कृपाण रखने की छूट होगी। वृद्ध व अपाहिज जो बिना लाठी के सहारे नहीं चल सकते हैं, लाठी प्रयोग सहारा लेने हेतु कर सकेंगे। उदयपुर जिले की राजस्व सीमा में बाहर का कोई भी व्यक्ति उदयपुर जिले की सम्पूर्ण राजस्व सीमाओ में उपरोक्त किस्म के हथियारों को अपने साथ नहीं लाएगा, ना ही सार्वजनिक स्थानां पर प्रयोग एवं प्रदर्शन करेगा।
जुलूस-रैली भी प्रतिबंधित
उदयपुर जिलेे की सम्पूर्ण राजस्व सीमाओ में कोई व्यक्तिध्संस्थाध्संगठन सार्वजनिक स्थल पर जुलूस, सभा, रैली एवं सार्वजनिक मीटिंग आदि का आयोजन नहीं करेगा। ध्वनि विस्तारक यंत्र स्पीकर, एम्पलीफायर का उपयोग अनुमत नहीं होगा। विशेष परिस्थितियों में संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट की अनुमति से ही इनका प्रयोग किया जा सकेगा। कोई भी व्यक्ति, सांप्रदायिक सद्भावना को ठेस पंहुचाने वाले तथा उत्तेजनात्मक नारे नहीं लगायेगा, न ही ऐसा कोई भाषण या उद्बोधन देगा, न ही ऐसे किसी पेम्पलेट, पोस्टर या अन्य प्रकार की सामग्री छापेगा या छपवायेगा, वितरण करेगा या वितरण करवायेगा, और न ही किसी एम्पलीफायर, रेडियो, टेपरिकॉर्डर, लाउडस्पीकर, ऑडियो-विडियो कैसेट या अन्य किसी इलेक्ट्रोनिक उपकरणों के माध्यम से इस प्रकार का प्रचार-प्रसार करेगा अथवा करवायेगा, और ऐसे कृत्यों के लिये न ही किसी प्रकार दुष्प्रेरित करेगा।
सोशल मीडिया पर भी लगेगा अंकुश
कलेक्टर देवड़ा ने बताया कि इन्टरनेट तथा सोशल मीडिया यथा फेसबुक, ट्विटर, वाट्सअप, यू ट्यूब आदि के माध्यम से किसी प्रकार का धार्मिक उन्माद, जातिगत द्वेष या दुष्प्रचार नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति किसी के समर्थन या विरोध में सार्वजनिक एवं राजकीय सम्पतियों पर किसी तरह का नारा-लेखन या प्रतीक-चित्रण नहीं करेगा और न ही किसी तरह के पोस्टर, होर्डिंग आदि लगायेगा और न ही किसी भी सार्वजनिक एवं राजकीय सम्पतियों का विरूपण करेगा।
यह आदेश 25 सितंबर की मध्य रात्रि से लागू होकर अग्रिम आदेश तक प्रभावी रहेगा। निषेधाज्ञा की अवहेलना या उल्लंघन करने वाले व्यक्तिध्व्यक्तियों के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के प्रावधानों के अंतर्गत अभियोग चलाये जा सकेंगे।