मूर्खोधिराज का चयन, 2 कवियों का सम्मान
हास्य बुलेटिन ‘असली खंजर का विमोचन
रतलाम,31 मार्च (इ खबरटुडे)। होली से लगाकर अप्रैल फूल तक मस्ती और उमंग का माहौल चारों तरफ रहता है। इस मस्ती व आनंद के बीच जीवन जीने की कला व्यक्ति को तलाशना पड़ती है। आपाधापी के इस युग में यदि कुछ ऋण हास्य के मिल जाएं तो मन पसंद हो जाता है साथ ही शरीर पर स्वच्छ हो जाता है। अप्रैल फुल पर इस प्रकार के हास्य के आयोजन मनुष्य के जीवन पर एक नये आनंद और उत्साह को भर देता है।
उक्त बात सहायक पुलिस अधीक्षक डॉ. प्रशांत चौबे ने जिला पत्रकार संघ द्वारा आयोजित अप्रैल फूल कार्यक्रम के अंतर्गत हास्य बुलेटिन ‘असली खंजरÓ के विमोचन पर कहीं। कार्यक्रम में प्रसिद्ध समाजजेवी ब्रजमोहन झालानी ने कहा कि विगत कई वर्षों से इस संस्था के द्वारा इस प्रकार का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में जहां हास्य बुलेटिन का विमोचन हुआ है वहीं हास्य कवि सम्मेलन के माध्यम से जीवन में हास्य उत्पन्न करने का प्रयास किया गया है। पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष राजेश जैन ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन पहले होते थे अब ऐसे आयोजन यदाकदा देखने को मिलते है। ऐसे आयोजन संस्कृति व सभ्यता को बचाने का प्रयास करते है। कार्यक्रम में पत्रकार नरेन्द्र जोशी, नीरज शुक्ला, उमेश मिश्रा आदि ने भी संबोधित किया। इसी कार्यक्रम में एक हास्य कवि सम्मेलन आयोजित किया जिसमें फिल्म गीतकार, फैज रतलामी, रामचंद्र गेहलोत, सतीष जोशी, हरिशंकर भटनागर, सुरेन्द्र जैन, सुशील खरे, प्रशांत पारासर आदि ने भी भाग लिया। दो कवि हरिशंकर भटनागर व सतीष जोशी का शाल श्रीफल से अभिनंदन भी किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान वर्ष 2015 के लिए महा मूर्ख का भी चयन किया गया। उपस्थित दर्शकों और अतिथियों द्वारा सर्वानुमति से महामूर्खाधिराज के रुप में वीरेन्द्र हितिया व सुशील खरे को चुना। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत संस्था अध्यक्ष वीरेन्द्र हितिया, प्रभारी अध्यक्ष मगनलाल जैन, सुशील मूणत, बीएस देवड़ा, रमाकांत शुक्ला, मदनलाल परिहार, राजेन्द्र पोरवाल आदि ने किया। कार्यक्रम में भेरुलाल टांक, आरिफ कुरैशी, अमित निगम, राजेश राज पुरोहित, विजय मीणा, बंटी शर्मा, दुर्गेश पंवार, देवकीनंद पंचौली, मुकेश गोस्वामी, के.के. शर्मा, सुधीर जैन, स्वदेश शर्मा, इंगित गुप्ता, अरुण त्रिपाठी, जितेन्द्र सोलंकी, सौरभ कोठारी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन वीरेन्द्र हितिया ने व आभार रमाकांत शुक्ला ने माना।