विक्रम की परीक्षा के सवाल पर नया बवाल
प्रश्न पत्र में पूछा कांग्रेस का आलोचनात्मक परीक्षण
उज्जैन,29 मार्च (इ खबरटुडे)। विक्रम विश्विद्यालय के एम ए राजनीतिक विज्ञान के चौथे सेमेस्टर के पेपर को लेकर विवाद शुरू हो गया है। दरअसल परीक्षा में दिए गए प्रश्न पत्र में एक प्रश्न पूछा गया कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की भूमिका का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए। इस बात को गम्भीरता से लेते हुए कांग्रेसियों ने अब मोर्चा खोल दिया है और विश्वविद्यालय पर भाजपाई मानसिकता का आरोप लगाया है। वहीं मामले लेकर कुलपति ने कमेटी से जांच की बात कही है।
विक्रम विश्वविद्यालय में एम ए राजनीति विज्ञान विषय के चतुर्थ सेमेस्टर में एक पर्चे में कांग्रेस के आलोचनात्मक विश्लेषण पर पूछे गए सवाल पर छात्र नेता बबलू खींची ने मुख्य निर्वाचन आयोग को एक शिकायती फैक्स भेजा है। विक्रम विश्वविद्यालय की परीक्षा में पूछे गये इस प्रश्न पर कांग्रेसियों ने बवाल खड़ा कर दिया है। कुलपति ने प्रश्न पत्र में पूछे गए इस प्रश्न के संबंध में कमेटी द्वारा जांच किये जाने की बात कही है। वहीं भाजपा के वर्तमान लोकसभा प्रत्याशी चिंतामणि मालवीय यूनिवर्सिटी के ही प्रोफेसर रहे हैं ऐसे में प्रश्न पत्र में कांग्रेस के खिलाफ प्रश्न पूछा जाना कहीं न कहीं विश्वविद्यालय को शंका के घेरे में ला रहा है। दूसरी ओर कांग्रेस ने इसे भाजपा का षडयंत्र बताया है।
विक्रम यूनिवर्सिटी के अंतर्गत एमए चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षाएं जारी है। इसी के तहत 25 मार्च को एमए राजनीतिक शास्त्र के चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा के प्रश्न पत्र में प्रश्न क्र. 3 में पूछा गया कि ‘मध्यप्रदेश में कांग्रेस की भूमिका का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।’ इस प्रश्न के पूछे जाने से कांग्रेसी खासे नाराज हैं। कांग्रेसियों का आरोप है कि यह भाजपा के सांसद पद के प्रत्याशी चिंतामणी मालवीय को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से पूछा गया सवाल है। डॉ. चिंतामणी मालवीय यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रहे हैं और वे ही भाजपा के प्रत्याशी भी हैं प्रत्याशी बनने के बाद उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दिया है। कांग्रेस ने इस मामले में चुनाव आयोग को एक पत्र भेजकर शिकायत की है। बहरहाल यह पहला मौका बताया जा रहा है जब किसी परीक्षा में पूछे गए सवाल पर राजनीति हुई और चुनाव आयोग को शिकायत की हो।
आचार संहिता का उल्लंघन
छात्र नेता और एलएलएम द्वितीय वर्ष के छात्र बबलू खींची ने मामले में मुख्य निर्वाचन आयोग को आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत की है। उन्होंने उज्जैन संसदीय क्षेत्र में स्थित विक्रम विश्वविद्यालय के प्रशासकीय कर्मचारियों को इस मामले में कटघरे में खड़ा किया है। आरोप है कि विक्रम विश्वविद्यालय के कर्मचारी-अधिकारी लोकसभा चुनाव में भाजपा को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सहयोग कर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों पर आचार संहिता उल्लंघन का प्रकरण दर्ज करने का पक्ष रखते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के आवास पर हो रहे भाजपा के प्रचार-प्रसार पर तत्काल रोक लगाने की मांग भी रखी है।
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ये मामला मेरे संज्ञान में लाया गया है। विषय विशेषज्ञ के माध्यम से विषय के सिलेबस के आधार पर जांच कराई जायेगी।
– प्रो. जवाहरलाल कौल, कुलपति विक्रम वि.वि., उज्जैन