महिला एवं बाल विकास की निरीक्षण व्यवस्था होगी हाईटेक
शिक्षा के बाद अब महिला एवं बाल विकास की बारी
रतलाम 4 जुलाइ (इ खबरटुडे)। कलेक्टर डा.संजय गोयल ने शिक्षा विभाग के बाद अब महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी कर्मचारियों के कामकाज की पड़ताल के लिए नई व्यवस्था लागू करने की दिशा में कदम उठाया है। इस सिलसिले में आज यहां कलेक्टर ने विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी सी.एल.पासी व रविन्द्र मिश्रा, परियोजना अधिकारियों एवं सुपरवाईजर्स की बैठक ली। बैठक में डा.गोयल ने बच्चों के नाश्ते और भोजन तथा अन्य व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार से ब्यौरा लिया।
15 दिन में लागू होगी एसएमएस व्यवस्था
उन्होंने निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रात:9.30 बजे प्रतिदिन बच्चों की उपस्थिति लेंगी और 10.30 बजे तक सुपरवाईजर्स को बच्चों की संख्या से अवगत कराएंगी। सुपरवाईजर्स 10.30 से11बजे के बीच यह जानकारी परियोजना अधिकारियों को उपलब्ध कराएंगी जो जिला स्तर पर यह जानकारी देंगे। कलेक्टर ने इस बात पर जोर दिया कि अधिकतम 11.30 बजे तक जानकारी मान्य हो सकेगी। डा.गोयल ने कहा कि फिलहाल यह सूचना तंत्र एसएमएस के जरिए संचालित होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि बीएसएनएल अधिकारी से संपर्क कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सुपरवाईजर्स को सीयूजी से सम्बध्द कराया जाए। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता स्तर पर सभी के पास मोबाईल फोन उपलब्ध है। आवश्यक होने पर उन्हें एसएमएस करना सिखाने की दिशा में पहल की जाए। कलेक्टर ने कार्यक्रम अधिकारी श्री पासी को एसएमएस इन्फारमेशन सिस्टम को पूरी तरह लागू करने के लिए 15 दिन का समय दिया है।
डा.गोयल ने कहा कि विभाग प्रमुख श्री पासी फेसबुक पर अपना पेज तैयार कराएं। परियोजना अधिकारी इसके यूजर बनेंगे। फेसबुक पर बच्चों की जानकारी दोपहर 12 बजे तक आंगनबाड़ी केन्द्रवार पोस्ट कर दी जानी चाहिए। इसी प्रकार स्टाक पंजी का फोटो भी फेसबुक पर नजर आना चाहिए। उन्होंने कहा कि उक्त व्यवस्था से आम जनता यह देख सकेगी कि किस आंगनबाड़ी केन्द्र में किस दिन कितने बच्चे पहुंचे हैं। जनता को यह भी पता चल सकेगा कि किस दिन किस आंगनबाड़ी के लिए कितना राशन दिया गया है। कलेक्टर ने सचेत किया कि नई व्यवस्था में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा दी गई जानकारी की तस्दीक के लिए निरीक्षण दस्ता किसी भी समय पहुंचकर निरीक्षण करेगा। कलेक्टर ने आगाह किया कि समस्त कर्मचारी इस रिपोर्टिंग के प्रति बेहद गंभीर रहें। निरीक्षण के दौरान दी गई जानकारी और वस्तुस्थिति में फर्क पाए जाने पर उन्हें देय राशि में कटौती कर दी जाएगी। कटौती यह मानते हुए की जाएगी कि निरीक्षण के दिन रिपोर्ट की गई संख्या और वास्तविक संख्या के बीच का फर्क पूरे माह रहा है।
ऐसी होगी हाईटेक निरीक्षण प्रणाली
कलेक्टर डा.गोयल ने आगे चलकर समूची व्यवस्था को और कार्यक्षम बनाने की दृष्टि से कार्यक्रम अधिकारी को साफ्टवेयर विकसित कराने के लिए पहल करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी सुपरवाईजर्स को जीपीएस से लैस एन्ड्रायड मोबाईल मुहैया कराने संबंधी प्रस्ताव मंजूरी के लिए शासन को भेजने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने कहा कि जीपीएस के जरिए सुपरवाईजर्स को लोकेट किया जा सकेगा कि उन्होंने कहा का दौरा किया,उनकी मौजूदा स्थिति तथा उनके द्वारा किस केन्द्र में कितना समय बिताया गया जैसी जानकारियां सहज ही सुलभ हो सकेंगी। सुपरवाईजर्स जिस आंगनबाड़ी केन्द्र में जाएंगी वहां के फोटोग्राफ्स लेकर प्रेषित करेगी जो तत्काल फेसबुक पर अपलोड किए जाएंगे। इस व्यवस्था से कोई भी व्यक्ति विभागीय गतिविधियों के बारे में पूरी जानकारी किसी भी समय हासिल कर सकेगा।
निरीक्षणकर्ता अधिकारियों के लिए निरीक्षण पंजी तैयार रखने के भी निर्देश दिए गए हैं। असल स्थिति से और दी गई जानकारी में ज्यादा फर्क होने पर संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका का हटना तय है। यदि एक ही सुपरवाईजर के अधीन केन्द्रों में लगातार गड़बड़ी की स्थिति सामने आती है तो उनका दण्डित होना भी निश्चित है। डा.गोयल ने कहा कि अब समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को किसी भी प्रकार के प्रलोभन या दबाव में नहीं आने के लिए तैयार रहना चाहिए बशर्तें वे अपनी नौकरी को महत्वपूर्ण समझते हों।
कलेक्टर डा.गोयल ने बैठक में मौजूद सुपरवाईजर्स को आगाह किया कि वे अपने अधिकारों का प्रयोग व्यवस्थाएं बेहतर बनाने में ही करें। उन्होंने कहा कि यदि कोई सुपरवाईजर अपने उत्तरदायित्व के निर्वहन में असफल रहती है तो उसके विरूध्द निलम्बन की कार्यवाही की जा सकेगी।
सरपंच को नोटिस
बैठक में सुपरवाईजर श्रीमती सुनीता नरेश ने कलेक्टर से शिकायत की कि ग्राम पंचायत केलूखेड़ा की सरपंच ने बैंक से तीन हजार रूपए का भुगतान प्राप्त किया और अब तक लगभग एक-डेढ़ हजार रूपए ही वापिस किए हैं। शेष राशि के बारे में सरंपच ने कहा है कि वे यह रकम बाद में लौटाएंगी।कलेक्टर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिए कि एसडीएम आलोट को मामले से अवगत कराया जाए और उन्हें संबंधित सरपंच को राशि की वसूली,पद से पृथक् करने तथा एफआईआर संबंधी नोटिस जारी करने को कहा जाए। नोटिस जारी करने की कार्यवाही आज ही किए जाने के लिए कलेक्टर ने कार्यक्रम अधिकारी को पाबंद किया है।
बैंको से परेशानी
कुछ सुपरवाईजर्स ने बैठक में बैंकों से राशि आहरित करने में आ रही परेशानी से कलेक्टर को अवगत कराया।इनमें बैंक आफ इण्डिया की आलोट और बजाजखाना शाखा रतलाम तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक शामिल थे। कलेक्टर ने कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया कि वे लीड बैंक अधिकारी से मिलकर इस संबंध में जरूरी पहल करें। आवश्यक होने पर कलेक्टर स्वयं संबंधित बैंक के प्रबंधक से सीधे बात करेंगे।
कुछ सुपरवाइजर्स ने पलास,बिरमावल,मऊ व मून्दड़ी सोसायटीज् से परेशानी होने की ओर भी कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट किया।उन्होंने बतया कि कई बार उक्त दुकानों से सामग्री नहीं दी जाती है। कलेक्टर ने खाद्य महकमे को उक्त सोसायटी दुकानों को चैेक करने और सेल्समेन को हटाने की कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आवश्यक होने पर सेल्समेन के खिलाफ एफआईआर कराई जाए। समिति प्रबंधकों को भी नोटिस जारी किए जाएं।