भाजयुमो जिलाध्यक्ष भाटी की रैली में जबर्दस्त भीड उमडी
शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरी रैली,जगह जगह स्वागत
रतलाम,5 अप्रैल(इ खबरटुडे)। भारतीय जनता युवा मोर्चा के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष बलवन्त भाटी की नियुक्ति पर निकाली गई वाहन रैली में युवाओं की जबर्दस्त भीड उमडी। रैली में म.प्र.वित्त आयोग के चेयरमेन हिम्मत कोठारी भी खास तौर से शामिल हुए। विशाल वाहन रैली शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरी और जगह जगह रैली का स्वागत किया गया।
युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष पद पर नियुक्ति के मौके पर बलवन्त भाटी द्वारा निकाली गई रैली को शक्ति प्रदर्शन के रुप में भी देखा जा रहा है। वाहन रैली आम्बेडकर भवन नेहरु स्टेडियम से प्रारंभ हुई। रैली में हजारों युवक
मोटर साइकिलो के साथ शामिल हुए। नवनियुक्त जिलाध्यक्ष बलवन्त भाटी एक खुली जीप में रैली के साथ चल रहे थे। जीप में श्री भाटी के साथ वित्त आयोग के चेयरमेन वरिष्ठ नेता हिम्मत कोठारी,भाजपा जिलाध्यक्ष बजरंग पुरोहित,जिला महामंत्री प्रदीप उपाध्याय तथा जावरा के वरिष्ठ नेता भेरुलाल पाटीदार भी मौजूद थे।
आम्बेडकर भवन से प्रारंभ हुई रैली गीता मन्दिर,फौव्वारा चौक,दिलबहार चौराहा होती हुई स्टेशन रोड पंहुची। स्टेशन रोड से वाहनों का यह विशाल काफिला न्यू रोड होता हुआ शहर के मध्य स्थित व्यापारिक क्षेत्रों में जा पंहुचा। रैली का अनेक स्थानों पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।
युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष पद पर बलवन्त भाटी की नियुक्ति और आज निकाली गई रैली के दृश्य भाजपा की आन्तरिक राजनीति में बडे बदलाव की ओर इशार कर रहे है। युवा मोर्चा की रैली में शहर विधायक का शामिल ना होना यह दर्शाता है कि विधायक खेमा इस नियुक्ति से खुश नहीं है। पूर्व युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष अशोक पोरवाल,इन दिनों विधायक श्री काश्यप के खेमे में है और वरिष्ठ नेता श्री कोठारी के कट्टर विरोधी बने हुए है। शहर विधायक से अपनी नजदीकी के चलते अशोक पोरवाल ने निगम अध्यक्ष की कुर्सी पर तो कब्जा कर लिया,लेकिन युवा मोर्चा में अपने किसी समर्थक को नहीं ला पाए। युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष का महत्वपूर्ण पद उनके विरोधी खेमे के पास है। उधर नगर निगम में भी वे अध्यक्ष तो है,लेकिन वे पहले ऐसे अध्यक्ष है जिनके चुनाव में महापौर ने अपना वोट नहीं देकर अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की थी। आज निकाली गई रैली के माध्यम से युवा मोर्चा के नवनियुक्त अध्यक्ष बलवन्त भाटी ने अपना शक्ति प्रदर्शन कर यह दिखाया है कि आने वाले दिनों में संगठन वे अपने हिसाब से चलाएंगे।