परवलिया के बांछडा डेरों पर पुलिस की दबिश
देहव्यापार के आरोप में नौ लडकियों को पकडा
रतलाम,26 जून (इ खबरटुडे)। बांछडा डेरों में चल रहे देहव्यापार की सूचना पर जिले की रिंगनोद पुलिस ने ग्राम परवलिया में कुछ स्थानों पर दबिश देकर नौ लडकियों तथा एक युवक को गिरफ्तार किया। पुलिस की इस कार्यवाही को लेकर कई तरह की चर्चाएं जोर पकड रही है। ढोढर क्षेत्र में पिछले कई दशकों से बांछडा डेरे चल रहे है,और हर किसी को इसकी जानकारी है। ऐसे में एनजीओ की सूचना पर पुलिस की कार्यवाही से कई सवाल खडे होते है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार,एक एनजीओ ने एसपी अविनाश शर्मा को परवलिया में देहव्यापार चलने की सूचना दी थी। सूचना के आधार पर पुलिस ने कुछ पुलिसकर्मियों को ग्राहक बनाकर बांछडा डेरों में भेजा और सूचना को सही पाते हुए डेरों पर दबिश दी। दबिश के दौरान नौ लडकियों व एक युवक को गिरफ्तार किया गया है। घटना की जानकारी मिलने एसपी अविनाश शर्मा और एएसपी डॉ.प्रशान्त चौबे भी मौके पर पंहुच गए। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पुलिस कार्यवाही पर उठे सवाल?
उल्लेखनीय है कि रिंगनोद थाना क्षेत्र के ग्राम ढोढर,परवलिया,माननखेडा इत्यादि गांवों में बांछडा समुदाय के लोग निवास करते हैं और पारंपरिक तौर में देहव्यापार के व्यवसाय में लिप्त है। बांछडा समुदाय को इस व्यवसाय से दूर करने और समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए शासन और अनेक अशासकीय सामाजिक संस्थाएं पिछले कई दशकों से प्रयासरत है। इसके बावजूद अब तक बांछडा समुदाय को वेश्यावृत्ति से दूर नहीं किया जा सका है। रतलाम जिले के अलावा मन्दसौर और नीमच जिलों में भी अनेक स्थानों पर बांछडा डेरे है। इन तीनों जिलों में बांछडा डेरे होने और वहां देह व्यापार होने की जानकारी आमलोगों को भी लम्बे समय से है। ऐसे में किसी एनजीओ द्वारा पुलिस को सूचना देना,एनजीओ की सूचना पर पुलिस द्वारा पुलिस कर्मियों को ग्राहक बनाकर भेजा जाना और छापा मार कर लडकियों को पकडे जाने की खबर अत्यन्त हास्यास्पद प्रतीत होती है। वास्तविकता यह है कि जिले के रिंगनोद थाने के लिए ढोढर क्षेत्र के बांछडा डेरे उपरी कमाई का बडा साधन है और पुलिस के अधिकारी इन डेरों की वजह से लाभान्वित होते रहते है।