November 25, 2024

पटवारी और महिला वकील के खिलाफ आत्महत्या के दुष्प्रेरण का प्रकरण दर्ज

महिला वकील के पति ने रेल से कटकर दे दी थी जान

रतलाम,24 मार्च(इ खबरटुडे)। करीब चार माह पूर्व एक युवक द्वारा रेल से कटकर आत्महत्या के मामले में पुलिस ने शहर पटवारी रहे सुदीप शर्मा और महिला वकील वर्षा के खिलाफ आत्महत्या के दुष्प्रेरण का आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है। मृतक मनीष महिला वकील वर्षा का पति था,जबकि सुदीप शर्मा कुछ समय पूर्व तक शहर पटवारी था और लोकायुक्त पुलिस द्वारा रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार होकर फिलहाल निलम्बित था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक ,सैनिक कालोनी निवासी मनीष पिता मोहनलाल शर्मा 28 ने  विगत 8 दिसम्बर 2013 की मध्यरात्रि को ईश्वर नगर रेलवे फाटक के समीप ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर जांच प्रारंभ की थी।
मनीष के पिता मोनहलाल वर्मा ने मनीष की आत्महत्या के मामले में पुलिस को एक आवेदन देकर इस बात की आशंका व्यक्त की थी कि मनीष की पत्नी वर्षा और वर्षा के प्रेमी सुदीप पटवारी ने मनीष को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित किया था। अपने आवेदन में मोहनलाल वर्मा ने बताया कि वर्षा और मनीष का विवाह 22 अप्रैल 2013 को हुआ था। दोनो ने प्रेम विवाह किया था। लेकिन विवाह के कुछ ही दिनों बाद मनीष ने अपने माता पिता को बताया था कि वर्षा से विवाह करके उसने बहुत बडी गलती की है। उसने बताया था कि उसकी पत्नी वर्षा के सुदीप शर्मा तत्कालीन शहर पटवारी से अवैध सम्बन्ध है और वह रात रात भर सुदीप से फोन पर बातें करती है। जब मनीष उसे रोकने की कोशिश करता तो वर्षा उससे विवाद करती थी। मनीष की आत्महत्या वाले दिन सुदीप शर्मा उसके घर पर मौजूद था और सुदीप व वर्षा ने मनीष को प्रताडित किया। इसी वजह से मनीष ने आत्महत्या कर ली।
पुलिस ने प्रारंभिक जांच में इन तथ्यों को सही पाया। मृतक मनीष,उसकी पत्नी वर्षा तथा सुदीप शर्मा के मोबाइल काल रेकार्ड से भी इस बात की पुष्टि हुई कि वर्षा सुदीप से घण्टों बतें करती थी।
पुलिस ने मृतक मनीष की आत्महत्या के मामले में पटवारी सुदीप शर्मा तथा मनीष की पत्नी वर्षा के विरुध्द आत्महत्या के दुष्प्रेरण का मामला भादवि की धारा ३०६ के तहत पंजीबध्द किया है। आरोपियों की तलाश की जा रही है।

कलेक्टर का चहेता है सुदीप

उल्लेखनीय है कि शहर पटवारी सुदीप शर्मा कलेक्टर राजीव दुबे समेत अधिकांश प्रशासनिक  अधिकारियों का चहेता और खास था। सुदीप को लोकायुक्त पुलिस ने कुछ दिनों पूर्व कलेक्टोरेट परिसर में ही रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तारी के बाद सुदीप को निलम्बित कर आलोट पदस्थ किया गया था। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों का खास होने के कारण उसे कुछ ही दिनों बाद फिर रतलाम अटैच कर दिया गया था। सूत्रों के कहना है कि उसके विरुध्द पुलिस की कार्यवाही को रोकने के लिए भी कतिपय अधिकारियों ने अपने प्रभाव का जमकर उपयोग किया था। लेकिन आखिरकार पुलिस ने सुदीप और वर्षा के विरुध्द आपराधिक प्रकरण दर्ज कर ही लिया।

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