निजी स्कूल संचालकों की मोनोपॉली समाप्त करने जिले में धारा 144 प्रभावशील
किताब,कॉपी और गणवेश एक ही दुकान से खरीदने को बाध्य नहीं
रतलाम 15 अप्रैल(इ खबरटुडे)। विभिन्न अशासकीय स्कूलों के पालकों व्दारा कतिपय विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को किसी दुकान विशेष से पाठ्यपुस्तकों एवं गणवेश खरीदने के लिए बाध्य किए जाने की शिकायतों को दृ्िरष्टगत रखते हुए प्रभावी नियंत्रण हेतु अपर जिला दण्डाधिकारी कैलाश वानखेडे ने तत्काल प्रभाव से रतलाम जिले की राजस्व सीमा में धारा 144 लागू करने के आदेश दिए हैं। आदेश के प्रभावशील होने के पश्चात किसी भी स्कूल प्रबंधन व्दारा विद्यार्थियों के पालकांें को किसी दुकान विशेष से ही किताब, कॉपी और गणवेश खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकेगा। आदेश का उल्लंघन की स्थिति में संबंधितों के विरूद्ध न्यायालयीन कार्यवाही की जाएगी। प्रतिबंधात्मक आदेश आगामी दो माह की समयावधि में लागू रहेगा।
दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत स्कूल संचालकों की मोनोपॉली खत्म करने तथा लोक प्रशांति विक्षुब्ध होने से रोकने के लिए जारी प्रतिबंधात्मक आदेश के तहत कोई भी स्कूल या संस्था किसी एक दुकान विक्रेता अथवा संस्था से किताब,कॉपी और गणवेश खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे। नोटबुक पर ग्रेड,किस्म,साईज,मूल्य, पेज की संख्या आदि की जानकारी स्पष्ट रूप से उल्लेखित करना होगा। विद्यालय के नाम से मुद्रित नोटबुक अथवा कॉपी प्रतिबंधित की गई है। विद्यालय की यूनीफार्म/गणवेश पर विद्यालय का नाम प्रिन्ट करवाकर दुकानों से विक्रय करने अथवा किसी एक विशिष्ट दुकान से एक विद्यालय की गणवेश बेचना प्रतिबंधित रहेगा। कोई भी दुकानदार विक्रेता कापियों व किताबों का सेट बनाकर विक्रय नहीं करेगा।
स्कूलों में लगने वाले यूनीफार्म,टाई,बेच,बेल्ट,कवर,स्टीकर का रंग व प्रकार पालक शिक्षक संघ व्दारा तय करके पूर्व घोषणा विद्यालय व्दारा की जाएगी। छात्र एवं पालक इन्हें खुले बाजार से क्रय कर सकेंगे। मोनोग्राम,कवर,स्टीकर विद्यालयों व्दारा न्यूनतम मूल्य पर दिए जा सकते हैं जिसकी कीमत किसी भी स्थिति में व्यावसायिक लाभ जोडकर नहीं ली जा सकेगी। विद्यार्थियों को बाजार में किसी भी दुकान से यूनीफार्म खरीदने की छूट रहेगी।
विद्यालय और कक्षाओं में रिफ्रेन्स बुक के लिए शिक्षाविदो की कमेटी गठित करने के आदेश दिए गए है। संस्थागत पीटीए (पालक शिक्षक संघ) व्दारा निर्धारित पुस्तक एवं प्रकाशक के नाम की सूचना शाला संचालक/प्राचार्य के व्दारा सूचना पटल पर चस्पा करके जारी की जाएगी। पुस्तकें एक ही दुकान से खरीदने के संबंध में कोई बाध्यता नहीं रहेगी। स्कूल विद्यार्थियों से प्रथम बार टीसी निकालने पर किसी प्रकार का शुल्क नहीं ले सकेंगे। दूसरी बार टीसी लेने पर न्यूनतम निर्धारित सीबीएसई/राज्य शासन व्दारा निर्दिष्ट शुल्क लिया जा सकेगा। आवेदन प्रस्तुत करने पर अधिकतम एक सप्ताह की अवधि में समस्त पूर्तियों के साथ पालक को टीसी उपलब्ध कराना स्कूलों की जिम्मेदारी होगी।
जारी आदेश की अवहेलना किए जाने पर शाला के प्राचार्य/संचालक /निर्देशक/ शाला प्रबंधक एवं बोर्ड आफ डायरेक्टर के सभी सदस्य दोषी होंगे। अपर जिला दण्डाधिकारी ने आदेश पारित करते हुए लेख किया है कि इस संबंध मेें आपत्तियां दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 (5) अंतर्गत प्रस्तुत की जा सकती है।