Kidney Donation : किडनी दान में महिलाओं का त्याग अविस्मरणीय
महिला दिवस पर विशेष
रतलाम,08 मार्च (इ खबरटुडे)। अंगदान संभागीय प्राधिकार समिति द्वारा महिला दिवस पर आयोजित बैठक में आज तीन प्रकरण रखे गए थे| तीनों प्रकरण को समिति की अध्यक्षता कर रहे रतलाम मेडिकल कॉलेज डीन डॉ जितेंद्र गुप्ता, समिति सदस्य मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर प्रभाकर नानावरे ,मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर नीलम चार्ल्स, डॉ महेंद्र चौहान, स्वयंसेवी संस्था के समाजसेवी गोविंद काकानी द्वारा प्रत्येक मरीज एवं मरीज के परिजनों से प्रथम डॉक्टरों द्वारा पूर्व चिकित्सक जानकारी ली गई| उनमें से एक मुंबई के एक मरीज से तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जानकारी प्राप्त की |
समिति सदस्यों ने स्वैच्छिक किडनी दान के बारे में परिवार जनों से सूक्ष्म से सूक्ष्म जानकारी ली | परिवार सदस्यों से पुराने फोटो ,आपसी संबंधों के बारे में पूछताछ करने के पश्चात तीनों प्रकरणों को स्वीकृति प्रदान की|
संभागीय प्राधिकार अंगदान समिति अध्यक्ष डीन डॉ जितेंद्र गुप्ता ने बताया कि अब तक कुल 22 प्रकरणों में से 21 मरीजों को किडनी व 1 मरीज को लीवर प्रत्यारोपण हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है| डॉ जितेंद्र गुप्ता ने कहा की समिति के सदस्यों एवं डॉक्टरों के सराहनीय सहयोग से यह कार्य लगातार चल रहा है| किडनी एवं लीवर प्रत्यारोपण पूर्ण रूप से स्वैच्छिक एवं सुरक्षित होना चाहिए| इसके लिए हम हमेशा पूर्ण जानकारी एकत्रित करने के पश्चात स्वीकृति प्रदान करते हैं |
समाजसेवी गोविंद काकानी सदस्य संभागीय प्राधिकार अंगदान समिति रतलाम मेडिकल कॉलेज के द्वारा बताया कि अब तक 22 बीमार मरीजों को किडनी एवं लीवर प्रत्यारोपण स्वीकृत किया गया | जिसमें लेने वाले सभी पुरुष वर्ग से रहे हैं | जबकि दान देने वालों में 19 महिला एवं 3 पुरुष है| इसी प्रकार 19 महिलाओं में से 10 मां, 5 पत्नी,2 बहन,1 दादी व 1 काकी ने किडनी दान में दी है | मरीजों की परेशानी को देखते हुए महीने में दो बार बैठक आयोजित कर स्वीकृति प्रदान की जा रही है| रतलाम मेडिकल कॉलेज अंगदान समिति के माध्यम से किए जा रहे इस पुनीत कार्य से रतलाम मेडिकल कॉलेज प्रदेश के नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज में अग्रणी स्थान बनाए हुए हैं| रतलाम मेडिकल कॉलेज समिति के नोडल अधिकारी डॉक्टर अतुल कुमार ने महिलाओं द्वारा दी गई किडनी पुरुष वर्ग को प्रेरणा देती है| महिला दिवस के अवसर पर आज के तीनों प्रकरण में भी पहले में पत्नी, दूसरे में मां ने किडनी एवं तीसरे प्रकरण में नानी ने मरीज व देने वाले परिवारों की बीच की कड़ी बन किडनी दिलवाई| जिसमें पत्नी का सहयोग व प्रेरणा से पति ने किडनी दान मे देने का निर्णय लिया |
बैठक के अंत में समिति सदस्यों ने आह्वान किया कि पुरुष वर्ग भी रक्तदान के समान अंगदान में अपनी भूमिका प्रमुखता से अदा कर समाज को नई दिशा दें|