December 24, 2024

प्राइवेट हॉस्पिटल की बड़ी लापरवाही : प्रशासन की नाक के नीचे जीवांश हॉस्पिटल में किया जा रहा था सामान्य मरीजों के बीच कोरोना मरीज का इलाज

jivan chouhan

रतलाम,03 अप्रैल (इ खबरटुडे)। बीती रात शहर के जाने माने जीवांश हॉस्पिटल में बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहा स्वास्थ विभाग के नियमों के विरुद्ध सामान्य मरीजों के बीच में एक कोरोना पॉजिटिव मरीज का इलाज चल रहा था। जहा प्रशासन ने सूचना मिलने पर जीवांश हॉस्पिटल के खिलाफ कार्यवाही की गई। उक्त अस्पताल से शहर के जाने-माने डॉक्टर जीवन चौहान जुड़े हुए है। फ़िलहाल पुलिस ने मामले में आरोपी की पहचान स्पष्ट नहीं की है।

जानकारी के अनुसार प्रशासन ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल समेत कुछ निजी अस्पतालों को कोरोना मरीजों को भर्ती करने के लिए अधिकृत किया है। इसके बावजूद कुछ निजी अस्पताल मनमर्जी से मरीज से मोटी रकम वसूलकर मनमर्जी से कोरोना मरीजों को भर्ती कर रहे हैं। शुक्रवार शाम प्रशासन ने ऐसे ही जीवांश हॉस्पिटल पर छापा मारा। यह अस्पताल प्रशासन की सूची में कोरोना मरीजों को भर्ती करने के लिए अधिकृत नहीं है। इसके बावजूद यहां कोरोना मरीज को भर्ती कर उसका इलाज किया जा रहा था।

जीवांश हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित मरीज का उपचार किए जाने की शिकायत पर प्रशासन की टीम ने अस्पताल पहुंचकर कार्रवाई की है। 80 फीट रोड स्थित हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित मरीज का उपचार किया जा रहा है। डिप्टी कलेक्टर शिराली जैन ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंचकर अस्पताल का रिकॉर्ड और मरीज के दस्तावेजों की जांच की। जांच के दौरान स्पष्ट हुआ की जीवांश हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित मरीज का उपचार सामान्य मरीजों के साथ किया जा रहा था।

डिप्टी कलेक्टर शिराली जैन ने अस्पताल के दस्तावेज जब्त कर संक्रमित मरीज को मेडिकल कॉलेज और शासन द्वारा निर्धारित निजी कोविड अस्पताल मेंं शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं। डिप्टी कलेक्टर ने इसकी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपने की बात कही है। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी। वही शहर के औद्योगिक थाने में जीवांश हॉस्पिटल के संचालक के खिलाफ इस मामले में केवल धारा 188 के तहत ही प्रकरण दर्ज किया गया। उसमे भी पुलिस ने संचालक की पहचान स्पष्ट नहीं की।

उक्त मामले में अन्य सामान्य मरीजों के साथ इस प्रकार की लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती थी। जहां कोरोना की दूसरी लहर पहले से काफी घातक बताई जा रही है। वही प्रशासन द्वारा इस मामले की गई मामूली कार्यवाही कई सवालों को जन्म दे रही है।

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