November 20, 2024

रतलाम / शहर के 50 हजार से अधिक हितग्राहियों के घर तक पहुंचेगा पीवीसी आयुष्मान कार्ड, मंत्री श्री चेतन्य काश्यप ने कहा – आयुष्मान भारत योजना में रतलाम को नंबर वन बनाना है

रतलाम, 15 जनवरी(इ खबर टुडे)। आयुष्मान भारत योजना के तहत रतलाम शहर के 50 हजार से अधिक हितग्राहियों को कार्ड वितरण कार्य का शुभारंभ प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य काश्यप द्वारा किया गया। इस अवसर पर महापौर प्रहलाद पटेल, निगम अध्यक्ष श्रीमती मनीषा शर्मा, बजरंग पुरोहित, मनोहर पोरवाल, प्रदीप उपाध्याय, निर्मल कटारिया, दिनेश शर्मा, सुनील सारस्वत, बलवंत भाटी, गोविंद काकानी, मयूर पुरोहित, आदित्य डागा, कृष्णकुमार सोनी, विनोद यादव, निलेश गांधी, हेमंत राहोरी, विप्लव जैन, सीएमएचओ डॉ. आनंद चंदेलकर, सिविल सर्जन डॉ. एम.एस. सागर सहित बड़ी संख्या में आमजन तथा हितग्राही उपस्थित रहे।

मंत्री श्री काश्यप ने कहा कि आयुष्मान भारत-निरामय भारत नारा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया है। आपने और हमने सुना है प्रधानमंत्री श्री मोदी ने संकल्प और संकल्प से सिद्धि के ध्येय के साथ जो भी संकल्प लिए है, उन्हे पूरा करने का प्रण लेकर आगे बढ़ रहे है, यह बीते दस वर्षों से हम सब देख रहे है। आज हम यहां रतलाम नगर के 50 हजार कार्ड वितरण का शुभारंभ करने के लिए एकत्र हुए है। आयुष्मान भारत योजना का कार्ड भारत सरकार ने अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए बनाया है। आयुष्मान भारत योजना में आज हम प्रदेश में दूसरे नंबर पर है। हमे अब नंबर वन पर आने का संकल्प लेना होगा और मोदीजी ने जो मंत्र दिया है, संकल्प से सिद्धी उसके लिए प्रयास करना होगा।

महापौर श्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि हम सब चाहते है कि संसार में सभी सुखी रहे लेकिन हमारी दिनचर्या ऐसी है कि हम थोड़ी से गलती करते है और बीमार हो जाते है। जब परिवार में कोई बीमार होता है तो पूरा परिवार टूट जाता है। ऐसे में कोई हमे संबल देता है तो वह आयुष्मान कार्ड है। अभी रतलाम प्रदेश में दूसरे नंबर पर है, मंत्री श्री काश्यप के नेतृत्व में हम रतलाम को पहले नंबर पर लाने के लिए कृत-संकल्पित है। प्रारम्भ में सीएमएचओ एवं सिविल सर्जन सहित चिकित्सा अधिकारियों ने अतिथियों का स्वागत किया। सीएमएचओ ने योजना की जानकारी दी एवं स्वागत भाषण सिविल सर्जन द्वारा दिया गया। कार्यक्रम का संचालन रोगी कल्याण समिति सदस्य श्री हेमंत राहोरी ने किया। आभार श्री मनोहर पोरवाल ने माना।

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