Pok को लेकर PM मोदी ने दिया बड़ा बयान, कहा- पाकिस्तानी कब्ज़े वाले कश्मीर की कसक मेरे अंदर है
नई दिल्ली,27 अक्टूबर (इ खबर टुडे )। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिवाली मनाने के लिए जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सेना के जवानों के बीच पहुंचे. इस दौरान पीएम मोदी ने वहां जवानों को मिठाई खिलाईं और दिवाली की बधाई दी. इसके बाद पीएम मोदी ने जवानों के शौर्य को याद करते हुए पाकिस्तान पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पाकिस्तान ने हमसे कश्मीर छीनने की कोशिश की, लेकिन हमारे सैनिकों ने उसके मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया.
पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान ने अवैध रूप से कश्मीर के एक हिस्से पर कब्जा कर रखा है, जिसकी कसक मेरे अंदर है. पीएम मोदी रविवार को राजौरी में आर्मी हेडक्वॉर्टर्स पहुंचे और उन्हें अचानक अपने बीच पाकर जवानों में काफी उत्साह देखा गया.
..लेकिन पाकिस्तान ने भारत की पीठ पर खंजर घोंपने की कोशिश की
उन्होंने जवानों को अपने हाथों से मिठाई खिलाई और देश की सुरक्षा में अदम्य साहस दिखाने पर देशवासियों की तरफ से आभार जताया. पीएम मोदी ने उस दिन कश्मीर का दौरा किया जब सेना ‘इन्फेंट्री डे’ मना रही है. उन्होंने पैदल सेना के शौर्य को याद करते हुए कहा, “आजादी के बाद जब दोनों देश अलग हुए, तो हमने पाकिस्तान से कहा कि वह अपनी राह चले और हम अपनी राह, लेकिन पाकिस्तान ने भारत की पीठ पर खंजर घोंपने की कोशिश की.”
पीएम मोदी ने आगे कहा, “उसने कश्मीर पर कब्जे के लिए षडयंत्र रचा, लेकिन हमारी पैदल सेना ने पाक के मंसूबों को चकनाचूर कर दिया. जम्मू-कश्मीर आज भारत का हिस्सा है, लेकिन कश्मीर का कुछ हिस्सा पाक के पास चला गया, जिसकी कसक हमारे दिलों में है.”
पीएम मोदी ने बडे़ फैसले करने का श्रेय जवानों को दिया
मोदी ने कहा कि जवानों के पराक्रम के कारण ही उनकी सरकार वे बड़े फैसले कर पाई जो असंभव माने जाते थे. मोदी एलओसी पर तैनात सैनिकों के साथ बातचीत करने के लिए सीधे सेना ब्रिगेड मुख्यालय पहुंचे. उनके साथ सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत भी थे. सेना की जैकेट पहने मोदी ने जवानों को दिवाली की शुभकामनाएं दीं और मिठाइयां बांटीं.
मोदी करीब दो घंटे तक वहां रहे और एलओसी की सुरक्षा में लगे जवानों से बातचीत की. करीब एक हजार जवानों की मौजूदगी में मोदी ने कहा कि भारतीय रक्षा बलों के पराक्रम के कारण ही ये संभव हो पाया कि केंद्र सरकार ने वो निर्णय लिए जो असंभव माने जाते थे. उनका इशारा सीमा के उस पार की गई सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयर स्ट्राइक और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के विशेष दर्जे वाले प्रावधान को हटाने से जुड़े फैसले की ओर था.