royal ride in Ujjain /शाही सवारी पर भगवान श्री महाकाल ने सात रूपों में दिये दर्शन
उज्जैन,06 सितंबर(इ खबर टुडे/बृजेश परमार)। श्रावण-भाद्रपद माह में भगवान श्री महाकालेश्वर की निकलने वाली सवारियों के क्रम में सातवें सोमवार को परम्परानुसार शाही सवारी में भगवान श्री महाकालेश्वर ने 7 विभिन्न स्वरूपों में अपनें भक्तों को दर्शन दिये।
रजत पालकी में श्री चन्द्रमोलीश्वर, हाथी पर रजत के सिंहासन में विराजित श्री मनमहेश साथ ही श्री शिव-तांडव, श्री उमा-महेश, श्री घटाटोप, श्री सप्तधान मुखारविन्द व श्री होल्कर स्टेट मुखारविन्द ने एक रथ पर भक्तों को दर्शन दिये।
सवारी निकलने के पूर्व मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर का पूजन-अर्चन उपरांत भगवान श्री महाकाल की पालकी को नगर भ्रमण के लिये रवाना किया गया। पूजन-अर्चन मुख्य पुजारी पं.घनश्याम शर्मा व आशीष पुजारी ने सम्पन्न करवाया ।
सभामंडप में पालकी का पूजन उज्जैन संभागायुक्त संदीप यादव, नवागत पुलिस महानिरीक्षक संतोष कुमार सिंह ने सपरिवार किया। । पालकी जैसे ही मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुची, सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने सवारी को सलामी दी । सम्पूर्ण मंदिर परिसर व मुख्य द्वार पर फूलों की सजावट, रंगबिरंगी अतिशबाजी व पुष्प वर्षा के वातावरण से श्रद्धालु बाबा श्री महाकालेश्वर के दर्शन कर उनकी भक्ति में लीन दिखायी दे रहे थे।
पालकी के आगे घुडसवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान आदि की टुकडियां मार्च पास्ट करते हुए चल रही थी। राजाधिराज भगवान महाकालेश्वर की सवारी में भक्त भगवान शिव का गुणगान करते हुए तथा झांझ-मंजीरे, डमरू बजाते हुए चल रहे थे। सवारी हरसिद्धि के निकट से झालरिया मठ होते हुए परिवर्तित मार्ग से रामघाट पहुंची।
रामघाट पर श्री सिंधिया ने पालकी पूजन किया-
रामघाट पर भगवान महाकालेश्वर का शिप्रा के जल से अभिषेक किया गया। परंपराअनुसार परंपरागत मार्ग से सवारी के सिंधिया देवस्थान ट्रस्ट के श्री गोपाल मंदिर से सिंधिया राज घराने की और से बाबा का पूजन किया जाता है।
इस बार यह पूजन शिप्रा तट रामघाट पर केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पालकी पूजन एवं जलाभिषेक से किया। पूजन आशीष पुजारी एवं अन्य पुरोहितों ने कराया । पूजन के उपरान्त पालकी रामानुज कोट, हरसिद्धि मन्दिर होते हुए महाकालेश्वर मन्दिर पहुंची।
नगर भ्रमण में शिव से शक्ति की भेंट-
नगर भ्रमण के दौरान पालकी मॉ हरसिद्धी मंदिर के द्वार पर पहुंची।यहां पालकी में विराजित श्री चन्द्रमौलीश्वर की ओर से मॉ हरसिद्धी को साडी व सौभाग्य सामग्री आदि भेंट की गयी। मॉ हरसिद्धी के द्वार पर बाबा श्री महाकालेश्वर व मॉ की आरती की गई। आरती के पश्चात सवारी बडा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में वापस आयी। जहॉ सभामण्डप में पुन: पूजन के बाद सवारी का विश्राम हुआ।
आज से भस्मारती के समय में परिवर्तन-
श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण-भाद्रपद माह में 06 सितम्बर (शाही सवारी) तक प्रतिवर्षानुसार श्री महाकालेश्वर भगवान के भस्मार्ती में पट खुलने के समय में परिवर्तन किया गया था। सोमवार को शाही सवारी के उपरान्त मंगलवार से श्री महाकालेश्वर भगवान के पट पूर्ववत प्रात: 04 बजे खुलेगे। श्री महाकालेश्वर भगवान के सामान्य दर्शन भस्मार्ती पश्चात प्रारंभ होगे।