मुख्यमंत्री ने महिला से जूते के फीते बंधवाने वाले सिंगरौली जिले के चितरंगी एसडीएम को हटाया
सिंगरौली,25जनवरी(इ खबर टुडे)। मध्य प्रदेश में रौब दिखाने वाले अधिकारियों पर त्वरित कार्रवाई हो रही है। सिंगरौली जिले के चितरंगी एसडीएम महिल कर्मचारी से जूते के फीते बंधवा रहे थे। इस दौरान किसी ने उनकी तस्वीर खींच ली। तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एसडीएम पर सवाल उठ रहे थे। गुरुवार को सीएम मोहन यादव ने चितरंगी एसडीएम असवन राम चिरावन पर कार्रवाई की है। साथ ही उनकी अफसरशाही निकाल दी है।
दरअसल, 22 जनवरी को चितंरी उत्कृष्टि विद्यालय में राज्य मंत्री राधा सिंह का कार्यक्रम था। इसी कार्यक्रम में चितरंगी एसडीएम असवन राम चिरावन पहुंचे थे। इस दौरान वह नाले के किनारे खड़े होकर महिला कर्मचारी से जूते के फीते बंधवा रहे थे। तस्वीर वायरल होने के बाद लोग एसडीएम को भला बुरा कह रहे थे। साथ ही उन पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
सीएम ने निकाली अफसरशाही
तस्वीर सामने आने के बाद सीएम मोहन यादव ने कार्रवाई की है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि सिंगरौली जिले के चितरंगी में एसडीएम द्वारा एक महिला से उनके जूते के फीते बंधवाने का मामला सामने आया है, जो अत्यंत निंदनीय है। इस घटनाक्रम को लेकर एसडीएम को तत्काल हटाने के निर्देश दिए हैं। हमारी सरकार में नारी सम्मान सर्वोपरि है।
जूते के फीते बांधने वाली कर्मचारी का नाम निर्मला देवी है। वह तहसील कार्यालय में क्लर्क है। तस्वीर वायरल होने के बाद उसने कहा कि 20-25 दिन पहले एसडीएम साहब डेप्युटी सीएम के कार्यक्रम में गए थे। इस दौरान उनका एक्सीडेंट हो गया था और दोनों घुटनों में चोट लग गई थी। वह ठीक से चल नहीं पा रहे थे। उन्होंने कहा कि सर, जूता खुद से पहन ली थी, वह फीते नहीं बांध पा रहे थे। मैं खुद ही उनके जूते की लैस बांध रही थी।
महिला कर्मचारी ने कहा कि मुझसे यह देखा नहीं गया तो मैं खुद ही ऐसा कर रही थी। उन्होंने देखा भी नहीं था कि कौन फीता बांध रहा है। मुझे लगा कि वह खुद से बांधेंगे तो गिर सकते हैं। मुझे किसी ने इस काम के लिए कहा नहीं था।
एसडीएम ने कहा- खुद मदद करने आई थी निर्मला
वहीं, चितरंगी एसडीएम ने विवाद पर सफाई देते हुए कहा कि दुर्घटना की वजह से मुझे चलने और बैठने में बहुत तकलीफ होती है। स्टॉफ की मदद से ही मैं गाड़ी में बैठता हूं। हनुमान मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा चल रहा था। मैंने इसकी वजह से जूता खोल दिया। कार्यक्रम के बाद जूता मैंने खुद पहन लिया लेकिन फीता नहीं बांध पाया। निर्मला देवी ने मेरा सहयोग किया था। मैंने पूछा तो उसने कहा कि मैं सिर्फ आपकी मदद कर रही हूं।