विश्व हेपाटाईटिस दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन
रतलाम,28 जुलाई (इ खबरटुडे)। विश्व हेपाटाईटिस दिवस के अवसर पर जिले के उप जेल जावरा, उप जेल सैलाना और जिला जेल रतलाम, पीएचसी ढोढर, शहरी स्वास्थ्य केंद्र जावरा पर हेपाटाईटिस से बचाव, जॉच उपचार के संबंध में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया।
सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर ननावरे ने बताया कि राष्ट्रीय हेपाटाईटिस कंट्रोल प्रेगाम के तहत ढोढर में 36 लोगों की जॉच की गई। जिला जेल में 172 लोगों की जॉच की गई जिसमें 5 हेपाटाईटिस सी और 5 हेपाटाईटिस बी के पॉजिटीव पाए गए। उप जेल जावरा में 147 लोगों की जॉच की गई जिसमें से 2 हेपाटाईटिस बी के पॉजिटीव पाए गए।
सैलाना में 70 लोगों की जॉच के दौरान हेपाटाईटिस सी के 3 पॉजिटीव पाए गए। शहरी स्वास्थ्य केंद्र जावरा में 26 लागों (हाईरिस्क ग्रुप) के लोगों की जॉच की गई जिसमें 1 हेपाटाईटिस बी के पॉजिटीव पाया गया। पॉजिटीव पाए गए मरीजों के वायरल लोड की जॉच विशेषज्ञ लेबोरेटरी में भेजी जाएगी तदुपरांत योग्य नि:शुल्क उपचार किया जाएगा।
सीएमएचओने बताया कि ऑपरेशन कराने, रक्ताधान कराने, असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करने, अप्रशिक्षित व्यक्ति से दांतो का इलाज कराने, इंजेक्शन से नशा करने, असुरक्षित इंजेक्शन लगवाने, असुरक्षित ढंग से नाक-कान छिदवाने, गोदना, टेटू बनवाना, जेल में उच्च जोखिम व्यवहार करने पर हेपाटाईटिस के होने का खतरा रहता है । इस प्रकार का व्यवहार करने वाले लोगों को अपनी हेपाटाईटिस की जॉच कराना चाहिए।
एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. गौरव बोरीवाल ने बताया कि हेपाटाईटिस एक जानलेवा और खतरनाक रोग है, इससे लीवर प्रभावित होता है। यह रोग वायरल इंफेक्शन के कारण होता है इससे जिगर (लीवर) में सूजन आ जाती है । यह मुख्य रूप से 5 प्रकार हेपाटाईटिस ए, हेपाटाईटिस बी, हेपाटाईटिस सी, हेपाटाईटिस डी, हेपाटाईटिस ई है । इसमें हेपाटाईटिस बी एवं सी घातक है तथा हेपाटाईटिस ए, हेपाटाईटिस ई दूषित जल और भोजन का प्रयोग करने से होने वाले सामान्य प्रकार है।
इसके सामान्य लक्षण भूख कम लगना, जी मिचलाना, अत्यधिक थकान होना, मतली, पेटदर्द और सूजन, रोग की गंभीर स्थिति में पैरों में सूजन, मुह या नाक से खून की उल्टी होना, मूत्र का रंग गहराहो जाना आदि मुख्य है । इससे बचाव के लिए दूषित जल और भोजन का प्रयोग ना करना, हाथों की नियमित सफाई, वैक्सीनेशन कराना, असुरक्षित यौन संबंध नहीं बनाऐं, टेटू बनवाते समय इंफेक्शन से बचाव, हमेशा नई और विसंक्रमित सीरिंज नीडिल का प्रयोग आदि का ध्यान रखना चाहिए ।