Bribery deputy commissioner : रिश्वतखोर डिप्टी कमिश्नर हंसते हुए बोली- कोई मंदिर में प्रसाद चढ़ाने आए तो मना नहीं कर सकते
जयपुर,08फरवरी(इ खबर टुडे)। राजस्थान में घूसखोरी का एक हैरतअंगेज कर देने वाला मामला सामने आया है जहां एक पूरा सरकारी महकमा ही घूसखोरी के जाल में फंस गया और रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद राज्य प्रशासनिक सेवा की एक अधिकारी का तर्क सुनकर एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों ने सिर पकड़ लिया। दरअसल मामले के मुताबिक सोमवार को राजधानी जयपुर में शहर विकास की जिम्मेदारी संभालने वाले जयपुर विकास प्राधिकरण की डिप्टी कमिश्नर समेत पूरा दफ्तर घूस लेते हुए एसीबी के धक्के चढ़ गया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद भी राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी ममता यादव एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों के सामने हंसने लगी और कहा कि जब कोई मंदिर में प्रसाद चढ़ाने आए तो हम उन्हें भला मना कैसे कर सकते हैं। ममता यादव का यह तर्क सुनकर एसीबी के अधिकारियों के होश उड़ गए।
पट्टा लेने के लिए मोटी घूस मांगी
अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक एंटी करप्शन ब्यूरो में जयपुर विकास प्राधिकरण को लेकर एक शिकायत की गई थी जिसके अनुसार जवाहर सर्किल इलाके के सिद्धार्थ नगर में एक व्यक्ति से उसकी पुश्तैनी जमीन का पट्टा लेने के लिए मोटी घूस मांगी जा रही थी। व्यक्ति से जेडीए की तरफ से डिप्टी कमिश्नर ममता यादव साढ़े 6 लाख रुपये और जूनियर इंजीनियर श्याम 3 लाख रुपये की घूस की मांग कर रहे थे जिसके बाद उसने दोनों अधिकारियों की शिकायत एसीबी में कर दी।
डिप्टी कमिश्नर के दफ्तर तक फैला घूस का जाल
एसीबी ने उक्त व्यक्ति की शिकायत के बाद कार्रवाई करने के लिए जेडीए के दफ्तर में ही जाल बिछाया और घूस लेते हुए आरएएस अधिकारी ममता यादव, जयंत श्याम, जमीन का नक्शा पास करने वाला कर्मचारी विजय मीणा, अकाउंटेंट राम तूफान मंडोतिया और कंप्यूटर ऑपरेटर अखिलेश मौर्य को रंगे हाथों घूस लेते हुए धरा गया।
जेडीए में ऐसा मामला पहली बार सामने आया है जहां एक ही जोन के सभी अधिकारी घूस लेते हुए पाए गए हैं। जेडीए के इस पट्टा बांटने के काम में इस जोन के 4 अधिकारी लगे थे। एसीबी ने दफ्तर की पार्किंग में घूस लेते हुए एक-एक कर कर्मचारियों को पकड़ा जिसके बाद कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए एसीबी की टीम डिप्टी कमिश्नर के दफ्तर तक पहुंची।