February 11, 2025

अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में बुलाई सीएम मान और सभी मंत्रियों-विधायकों की बैठक, पंजाब में सियासत गर्म

kejriwal

नई दिल्ली,11 फरवरी (इ खबरटुडे)। दिल्ली में विधानसभा चुनाव में हार के बाद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की अगली चुनौती पंजाब की सत्ता को बरकरार रखने की है। इसी क्रम में केजरीवाल ने आज दिल्ली में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और सभी मंत्रियों और विधायकों की बैठक बुलाई है।

आम आदमी पार्टी के सूत्रों के मुताबिक़ अमृतसर, जालंधर, लुधियाना के अलावा बॉर्डर बेल्ट के कई ऐसे विधायक हैं जो मुख्यमंत्री भगवंत मान से लंबे अरसे से नाराज़ चल रहे हैं। सीएम से नाराज विधायकों की संख्या लगभग 17-18 है। ये नाराज़ विधायक अरविंद केजरीवाल के साथ अलग से मुलाक़ात कर सकते हैं। इससे पंजाब की सियासत गरमा गई है।

पंजाब में 117 सीटों में से आप के पास हैं 94 विधायक

जानकारी के अनुसार, मौजूदा समय में पंजाब में आम आदमी पार्टी के 94 विधायक है। पंजाब में विधायकों की कुल संख्या 117 है। पंजाब में आम आदमी पार्टी ने भारी बहुमत के साथ सरकार बनाई थी। केजरीवाल के भरोसेमंद माने जाने वाले भगवंत को मुख्यमंत्री बनाया गया था।

कांग्रेस ने 30 विधायकों को लेकर किया है बड़ा दावा
बता दें कि पंजाब में होने वाली कैबिनेट बैठक से पहले दलबदल की अफवाहों के बीच आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और पार्टी विधायकों को दिल्ली बुलाया है। मंगलवार को होने वाली यह बैठक राज्य कांग्रेस नेताओं के इस दावे के बाद हो रही है कि वे करीब 30 आप विधायकों के संपर्क में हैं। कांग्रेस नेता और विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया था कि 30 से अधिक आप विधायक लगभग एक साल से उनकी पार्टी के संपर्क में हैं और पाला बदलने के लिए तैयार हैं।

कैबिनेट की मीटिंग कई बार स्थगित
राज्य कैबिनेट की बैठक चार महीने बाद 6 फरवरी को होनी थी। बैठक को 10 फरवरी के लिए पुनर्निर्धारित किया गया था और फिर 13 फरवरी के लिए स्थगित कर दिया गया। सूत्रों ने बताया कि बैठक का एजेंडा अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन केजरीवाल पार्टी विधायकों को उनसे अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं से ‘आम आदमी’ के तौर पर जुड़ने और सत्ता से मिलने वाले लाभों से प्रभावित न होने के लिए कहेंगे।

वहीं, आनंदपुर साहिब से आप सांसद मलविंदर सिंह कांग ने कहा कि यह बैठक पार्टी नेताओं से फीडबैक लेने के उद्देश्य से एक सतत प्रक्रिया का हिस्सा है, ताकि भविष्य की रणनीति बनाई जा सके। यह अगली रणनीति तैयार करने के लिए एक संगठनात्मक बैठक है क्योंकि भविष्य की रणनीति बनाने के लिए सभी पार्टी इकाइयों से फीडबैक लिया जा रहा है।

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