इंदौररेल न्यूज

जून माह में इंदौर से मुंबई के बीच दौड़ेगी ट्रेन–इंदौर-टीही सेक्शन पर ट्रैक बिछाने का कार्य दो महीनों में होगा पूरा

। इंदौर-टीही सेक्शन का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। यह इंदौर से जुड़े किसी भी प्रोजेक्ट की पहली रेल सुरंग है, जिसका निर्माण अंतिम चरण में है। रेलवे ने इंदौर से धार के बीच ट्रेन संचालन के लिए मई-जून 2025 की समय सीमा तय की है। इस समस्या से बचने के लिए नियंत्रित ब्लास्टिंग (कंट्रोल ब्लास्टिंग) तकनीक का उपयोग किया गया। विशेष बात यह रही कि खुदाई के दौरान पूरी संरचना पथरीली मिली, जिससे कार्य सुगमता से पूरा हो सका। पीथमपुर क्षेत्र के ग्राम टीही में 2.9 किमी लंबी रेल सुरंग (टनल) का निर्माण तेज गति से जारी है। इस टनल का 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है, जबकि शेष 10 प्रतिशत फिनिशिंग और ट्रैक बिछाने का कार्य अगले दो महीनों में पूरा कर लिया जाएगा।

पिछले छह सालों से निर्माणाधीन है टनल
यह टनल परियोजना पिछले छह वर्षों से निर्माणाधीन थी और 2024 में इसके सिविल कार्य पूरे कर लिए गए थे। जून 2024 में सुरंग का अंतिम चरण पूरा हुआ था। वर्तमान में फिनिशिंग और ट्रैक बिछाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है, ताकि परियोजना जल्द पूरी हो सके। इस तकनीक से ट्रैक का रखरखाव न्यूनतम रहेगा और परिचालन अधिक सुचारू होगा।

बारिश का पानी भरा, निकालने में लगे ढाई महीने
इस परियोजना को 2008 में स्वीकृति मिली थी। प्रारंभिक योजना में टनल का प्रावधान नहीं था, लेकिन बाद में इसे जोड़ा गया। 2017-18 में टेंडर जारी किए गए और निर्माण कार्य शुरू हुआ। हालांकि, कोविड-19 महामारी के कारण परियोजना रोक दी गई और टेंडर शॉर्ट टर्मिनेट कर दिए गए। इस दौरान अधूरी बनी सुरंग में बारिश का पानी भर गया, जिसे निकालने में ढाई महीने लग गए। 3 जून 2023 को नए सिरे से ब्लास्टिंग के साथ खुदाई कार्य शुरू हुआ था।

सेक्शन मई तक तैयार होने की उम्मीद
इसी सेक्शन में एनएच-47 पर सबसे बड़ी रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का निर्माण भी जारी है। इसका कार्य मई 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। सुरंग की फिनिशिंग और अन्य शेष कार्य प्रतिदिन 6 मीटर की गति से किए जा रहे हैं। इस सेक्शन के अंतर्गत चार रेलवे स्टेशन धार, सागौर, पीथमपुर और गुनावद का 80-85 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। धार रेलवे स्टेशन पर तीन यात्री और एक मालगाड़ी प्लेटफॉर्म होगा, जबकि सागौर स्टेशन पर दो यात्री और एक मालगाड़ी प्लेटफॉर्म बनाया जा रहा है।

इंदौर-मुंबई की दूरी होगी कम
इस परियोजना के पूरा होने के बाद इंदौर से मुंबई की रेलवे दूरी 829 किमी से घटकर 774 किमी रह जाएगी, यानी 55 किमी कम हो जाएगी। वर्तमान में इंदौर से मुंबई जाने वाली ट्रेनें रतलाम होते हुए दाहोद के रास्ते गुजरती हैं, लेकिन नया ट्रैक बनने के बाद ट्रेनें पीथमपुर और धार के रास्ते मुंबई तक पहुंचेंगी। कंपनी के इंजीनियर अजहर ने बताया कि इस तीन किमी लंबी सुरंग की खुदाई दोनों छोर से की गई। खुदाई के लिए पहले 7.5 मीटर तक अतिक्रमण हटाया गया, क्योंकि यह भूमि रेलवे की थी। इससे माल गाडिय़ों की आवाजाही भी आसान होगी और पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को बड़ा लाभ मिलेगा। टनल बनने से माल परिवहन की लागत और समय दोनों में कमी आएगी।

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