लम्बित प्रकरणाें का त्वरित निराकरण करें – कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर
रतलाम 30 जनवरी (इ खबरटुडे)।कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम अंतर्गत जिले में लम्बित प्रकरणों का त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिये है। उन्होने कहा हैं कि जिले में लम्बित प्रकरणों की संख्या गम्भीर हैं और इन्हें निराकृत करने के लिये तत्परता से कार्यवाही की जाये।
जिला स्तरीय सर्तकता एवं निगरानी समिति की बैठक आयोजित
कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आज जिला स्तरीय सर्तकता एवं निगरानी समिति की बैठक को सम्बोधित करते हुए कलेक्टर ने कहा हैं कि पीड़ितो को हर हाल में न्याय मिलना चाहिए। न्याय से कोई भी वंचित न रहने पाये। उन्होने आज बैठक में अजा, अजजा के विरूध्द जिले में पंजीबध्द हुए प्रकरणों, राहत प्रकरणों एवं नैसर्गिक न्याय उपलब्ध कराने के लिये प्रशासनिक स्तर पर की गई कार्यवाहियों की समीक्षा की।
बैठक में कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने जिला लोक अभियोजन अधिकारी को निर्देशित किया कि अनुसूचित जाति के लम्बित 222 एवं अनुसूचित जनजाति के लम्बित 60प्रकरणों का निराकरण करने में सक्रियता दिखाये। उन्होने डीएसपी अजाक को निर्देश दिये कि पंजीबध्द प्रकरणों की तुलना में निराकृत प्रकरणों की संख्या अधिक हैं।उन्होने कहा कि पीड़ितो के पुर्नवास एवं उनको दी जाने वाली सुविधाओं के संबंध में व्यक्तिगत रूचि लेकर कार्य करे। न्यायालयीन कार्यवाही के लिये जो पीड़ित उपस्थित होता हैं उसे यात्रा भत्ता, मजदूरी की राशि, भोजन की राशि का भुगतान शासन के निर्देशों के तहत हो। जिले में जाति प्रमाण पत्र के अभाव में कोई प्रकरण लम्बित नहीं होने पर कलेक्टर ने संतोष जाहिर किया और कहा कि जाति प्रमाण पत्र के लिये सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया हैं कि तत्परता से जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध कराये। कलेक्टर ने सहायक आयुक्त को निर्देश दिये कि शासन के निर्देशाें के अनुसार पुर्नवास राशि दी जाना सुनिश्चित करे। इस संबंध में मजदूरी, यात्रा भत्ता, भोजन के संबंध में शासन के दिशा निर्देशों के अनुरूप राशि का निर्धारण कर अगली बैठक में प्रस्ताव रखे। उन्होने डीएसपी अजाक को निर्देशित किया कि थाने में उत्पीड़न संबंधित शिकायते 30 जनवरी तक जितनी भी प्राप्त हुई एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई, इसकी जानकारी सूचीबध्द कर प्रस्तुत करें। कलेक्टर ने अधिनियम के नये प्रावधानों से समिति के सदस्यों को अवगत कराने के लिये अधिनियम की प्रतिलिपि उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिये।
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास प्रशांत आर्य ने आकस्मिकता योजनान्तर्गत प्रदान की गई राहत राशि की जानकारी देते हुए बताया कि जिले में अप्रैल से दिसम्बर 2015 तक की अवधि में अनुसूचित जाति वर्ग के 46 प्रकरणों में महिलाओं को 26.20 लाख एवं पुरूषों के 85 प्रकरणों में 25.35 लाख रूपये की राहत राशि वितरित की गई है। इसी प्रकार जनजाति के 15 प्रकरणों में महिलाओं को 8.18 लाख रूपये एवं पुरूषों के 28 प्रकरण्ाों मे ं10.45 लाख रूपये की राहत राशि वितरित की गई है।
बैठक में सहायक कलेक्टर तनवी हुड्डा, डीएसपी अजाक ओ.पी.शर्मा, विशेष लोक अभियोजक नीरज सक्सेना, जिला अभियोजन अधिकारी सिराज खॉन, समिति सदस्य प्रभुलाल सोलंकी, राकेश चौहान, सुलोचना शर्मा, कलाबाई पारगी, प्यारीबाई डिंडोर, महिला बाल विकास अधिकारी एम.एल.मेहरा, जिला पेंशन अधिकारी विजयसिंह नरेटी एवं अन्य शासकीय व अशासकीय सदस्य उपस्थित थे।