भारत ज्ञान में आज भी दुनिया से आगे- श्री अय्यर
भारत विश्व गुरू की ओर विषय पर हुआ व्याख्यान
उज्जैन 7 अप्रैल (इ खबरटुडे)। डा. हेडगेवार जन्म शताब्दी स्मृति सेवा न्यास द्वारा आयोजित डा. हेडगेवार स्मृति व्याख्यानमाला के तीसरे व अन्तिम दिन लोकमान्य तिलक विद्यालय परिसर में भारत विश्व गुरू की ओर विषय पर विश्व विभाग हांगकांग के हिन्दू स्वयं सेवक संघ के सहसंयोजक रवि अय्यर ने कहा कि ज्ञान के क्षेत्र में भारत आज भी दुनिया से आगे है। भारत से कई देशो ने विभिन्न क्षेत्रों मे ज्ञान प्राप्त कर अपने देश को आगे बढ़ाया है। भारत ने तो 17 वर्ष तक चायना पर राज किया है, लेकिन यह इतिहास में उल्लेख है कि भारत ने किसी भी देश को गुलाम नही बनाया है। व्याख्यानमाला की अध्यक्षता विक्रम विश्व विद्यालय के इंजिनियंरिंग स्ंास्थान के पूर्व निदेशक डाॅ. उमेश पेंढारकर ने की।
लोकमान्य तिलक विद्यालय परिसर में आयोजित व्याख्यानमाला में रविवार को बड़ी ंसंख्या में प्रबुद्वजनों की भींड रही । भारत विश्वगुरू की ओर विषय को लेकर श्री अय्यर ने संबोधित करते हुए कहा कि भारत आज भी दुनिया में विश्व गुरू है। अमेरिका जैसे विकसित देश को भी प्राकृतिक आपदा के दौरान भारत से ही मदद लेना पड़ी थी । केटरीना के कहर के दौरान भारत से 5 मिलियन डालर की मदद पहुचायी गयी थी उन्होने कहा कि जीडीसी के अनुसार भारत अर्थिक स्थिती में विश्व में तीसरे स्थान पर है । भारत में रोजगार की स्थिति पर चर्चा करते हुए श्री अय्यर ने कहा कि भारत रोजगार के क्षेत्र मे अन्य देशों से बेहतर हैं जबकि स्पेन जैसे देश में 48 प्रतिशत युवाओं को रोजगार नही मिल पा रहे है। ऐसी स्थिति में भारत की स्थिति दूसरे देशो की अपेक्षा लाख दर्जे अच्छी है। उन्होने कहा कि यूरोप अरेबिया में आन्दोलन हो रहे है अरेबिया में करीब दो लाख लोग मारे गये जबकि भारत में आन्दोलन तो होते है लेकिन रक्तपात या हिंसा नही होती है भारत की यह अच्छाई भी देखना चाहिए।
श्री अय्यर ने अटल विहारी बाजपेयी की सरकार के दौरान सोना बेचने पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत ने अटल सरकार के समय 23 टन सोना बेचा था इसके माध्यम से देश का कर्जा उतारा। वही भारत ने अटल जी के नेतृत्व में पोखरण में न्यूक्लीयर टेस्ट कर परमाणु शक्ति से भारत को सम्पन्न करा । इसका परिणाम यह रहा कि परमाणु शक्ति सम्पन्न होने के बाद अमेरिका ने चिढ़कर सभी देशों से कहा था कि कोई भी देश भारत को अर्थिक सहयोग नही करेगा। अटल जी की दृढ इच्छा शक्ति के कारण जहां भारत परमाणु के क्षेत्र में शक्तिशाली हुआ वही अमेरिका जैसे देश को भी भारत के सामने झुकना पडा। भारत प्राचीन काल से ही विश्व में गुरू के स्थान पर रहा है। भारत के इस स्थान को कोई भी देश हटा नही पाया।
व्याख्यानमाला के पूर्व अतिथिओं द्वारा डाॅ. हेडगेवार की आदमकद प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर व्याख्यानमाला का शुभारम्भ किया गया। अतिथि स्वागत राहुल विपट,अनिल कासलीवाल, अजय सिंह कुशवाह, गोरेलाल परमार ने किया । अथिति परिचय सतीश शर्मा ने दिया । कार्यक्रम का संचालन जीवन प्रकाश आर्य ने किया व आभार डा. हेडगेवार स्मृति व्याख्यानमाला समिति के अध्यक्ष अशोक आच्छा ने माना ।