पंच-परमेश्वर योजना में अब तक 3,502 करोड़ रुपये आवंटित
7,844 किलोमीटर से अधिक लम्बाई के सी.सी. रोड मंजूर
भोपाल 27 जनवरी(इ खबरटुडे)। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता और पर्यावरण सुधार के मक़सद से वर्ष 2011-12 में शुरू की गई पंच-परमेश्वर योजना में अब तक सभी 23 हजार 6 ग्राम-पंचायत को 3,502 करोड़ रुपये आवंटित किये जा चुके हैं। इस योजना में 7,844.64 किलोमीटर सीमेंट-कांक्रीटयुक्त पक्के आंतरिक मार्ग बनाने की मंजूरी दी गई है। इनमें से अब तक 4,734 किलोमीटर लम्बे आंतरिक मार्ग का निर्माण पूरा हो चुका है। योजना से अब गाँवों की तस्वीर बदल रही है और वे कीचड़ तथा गंदगी से निजात पा रहे हैं। ग्राम-सभा के अनुमोदन से ग्राम-पंचायत क्षेत्र में शामिल गाँवों के विभिन्न वार्ड में एक के बाद एक पक्के आंतरिक मार्ग तेजी से बन रहे हैं। इस अनूठी योजना में अब तक 64 हजार 230 सी.सी. रोड निर्माण के काम मंजूर हो चुके हैं। इनमें से 36 हजार 943 काम पूरे हो गये हैं।
योजना में ग्राम-पंचायतों को आबादी के मान से राशि का आवंटन किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत 2000 तक की आबादी वाली ग्राम-पंचायत को 5 लाख सालाना, 2000 से अधिक और 5000 तक की आबादी वाली पंचायत को 8 लाख, 5000 से अधिक और 10 हजार तक की आबादी वाली पंचायत को 10 लाख और 10 हजार से अधिक आबादी वाली ग्राम-पंचायत को 15 लाख रुपये सालाना वित्तीय सहायता मुहैया करवाई जा रही है। ग्राम-पंचायतों को विकास के लिये एकीकृत बजट मुहैया करवाने के मक़सद से वर्ष 2011-12 में पहली बार पंच-परमेश्वर योजना की शुरूआत मध्यप्रदेश में हुई थी। इस योजना में 13वें वित्त आयोग से मिलने वाला बजट, राज्य वित्त आयोग से प्राप्त बजट, गौण खनिज के अंतर्गत मिलने वाला बजट, अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क से प्राप्त होने वाला बजट, पंचायत राज संस्थाओं को परिसम्पत्ति अनुरक्षण के लिये मिलने वाला बजट और पंचायत भवन निर्माण के लिये मिलने वाले बजट को एकजाई किया गया है।
योजना से गाँव में अधोसंरचना निर्माण का काम अधिक आसान हुआ है। वित्तीय वर्ष 2009-10 की तुलना में ग्राम-पंचायतों को मिलने वाली सालाना वित्तीय सहायता अब बढ़कर 2 से 4 गुना तक हो गई है। ग्राम विकास और निर्माण कार्यों के लिये ग्राम-पंचायत के सरपंचों के वित्तीय अधिकार भी बढ़ाकर 15 लाख कर दिये गये हैं। ग्रामीण विकास में पंचायतों की अहम भूमिका को देखते हुए पंचायतों को विभिन्न मद में मिलने वाली राशि अब पंच-परमेश्वर योजना में मिलती है। आयोजनेत्तर तथा आयोजना मद की सभी अनुदान योजनाओं को मिलाकर ग्राम-पंचायतों के बैंक खातों में सीधे अंतरित किया जा रहा है।
पंच-परमेश्वर योजना के जरिये ग्राम-पंचायतें ग्राम के अंदर सुगम आवागमन के लिये नाली सहित पक्के सीमेंट-कांक्रीट रोड बना रही हैं। इसके साथ ही जिन ग्रामों में पूर्व में आँगनवाड़ी भवन स्वीकृत हो चुके हैं, उनका निर्माण भी इस योजना से हो रहा है। पुराने पंचायत भवनों में ई-पंचायत कक्ष के लिये 200 वर्ग फीट कक्ष का निर्माण भी किया जा रहा है। योजना में ग्राम-पंचायतों को आवंटित राशि में से 20 फीसदी राशि तक परिसम्पत्तियों और हेण्ड-पम्पों के रख-रखाव तथा गाँव में साफ-सफाई तथा पर्यावरण सुधार कार्यों पर खर्च करने का प्रावधान है। पंच-परमेश्वर योजना के अंतर्गत श्रम आधारित कार्य मनरेगा कन्वर्जेंस से करवाने का प्रावधान है। इस अनूठी पहल से मनरेगा कन्वर्जेंस के जरिये ग्राम-पंचायत कई गुना अधिक राशि के कार्य कर रही हैं।