निर्वाचन की कार्यवाही निष्पक्ष एवं स्वतंत्र होकर करें
जिला एवं जनपद पंचायत अध्यक्ष,उपाध्यक्ष निर्वाचन हेतु प्रशिक्षण संपन्न
रतलाम 4 मार्च (इ खबरटुडे)। जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के निर्वाचन की कार्यवाही पंचायती राज अधिनियम के तहत दिए प्रावधानों के अनुसार करें। पीठासीन अधिकारी निर्वाचन की कार्यवाही निष्पक्ष एवं स्वतंत्र होकर करे तथा प्रक्रिया से पूर्व नियमों एवं प्रावधानों का भलीभांति अध्ययन कर ले।
उक्त निर्देश जिला एवं जनपद पंचायत के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के निर्वाचन हेतु नियुक्त पीठासीन अधिकारियों के प्रशिक्षण में अपर कलेक्टर कैलाश वानखेडे ने व्यक्त किए। इस दौरान उप जिला निर्वाचन अधिकारी विनय कुमार धोका ने अधिनियम के तहत दिए गए प्रावधानों से पीठासीन अधिकारियों को अवगत कराया। मास्टर ट्रेनर डा.सुरेश कटारिया ने निर्वाचन प्रक्रिया की जानकारी देते हुए सभी की जिज्ञासाओं का समाधान किया।
पहले अध्यक्ष फिर उपाध्यक्ष का निर्वाचन
त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन के लिए निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जिला पंचायत के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का निर्वाचन 12 मार्च को जबकि जनपद पंचायत के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का निर्वाचन 9 मार्च को होगा। निर्वाचन की कार्यवाही से पूर्व सक्षम प्राधिकारी व्दारा समस्त नवनिर्वाचित सदस्यों को निर्वाचन की सूचना जारी की जा चुकी है। सम्मिलन प्रातः11 बजे से प्रारंभ होगा जनपद पंचायत के लिए कार्यवाही संबंधित जनपद पंचायत कार्यालय में होगी। पीठासीन अधिकारी सर्वप्रथम अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचन की कार्यवाही प्रारंभ करेंगे। प्रत्येक अभ्यर्थी जो नाम निर्देशन पत्र जमा करना चाहेगा उसे एक प्रस्तावक तथा एक समर्थक के रूप में सदस्य के हस्ताक्षर नाम निर्देशन पत्र पर दर्ज कराना होंगे।
एक सदस्य दो अभ्यर्थी का प्रस्तावक या समर्थक नहीं बन सकेगा
कोई भी सदस्य एक से अधिक अभ्यर्थी का प्रस्तावक या समर्थक नहीं बन सकेगा। यदि ऐसा होता है तो दोनो अभ्यर्थियों के नाम निर्देशन पत्र निरस्त कर दिए जाएंगे। नाम निर्देशन पत्र जमा करने के नियत समय के उपरांत पीठासीन अधिकारी नाम निर्देशन पत्रों की जांच करेगा तथा उपस्थित सदस्यों को समस्त नाम निर्देशन पत्रों की परीक्षा करने के लिए युक्तियुक्त सुविधाएं देगा।किसी नाम निर्देशन पत्र के संबंध में की गई आपत्ति के संबंध में निर्णय भी लेगा। कोई भी नाम निर्देशन पत्र उसी दशा में निरस्त किया जाएगा जबकि वह अधिनियम और नियमों की पूर्ति न करता हो।यदि निर्वाचन के लिए केवल एक ही अभ्यर्थी नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करता है तो उसे निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया जाएगा। यदि निर्वाचन के लिए एक या अधिक अभ्यर्थी व्दारा नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किया जाता है और उसे वापिस ले लिया जाता है या किसी कमी के कारण निरस्त किया जाता है तो ऐसी स्थिति में पीठासीन अधिकारी सक्षम अधिकारी को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा जो अधिनियम के तहत आगामी कार्यवाही करेगा।
गोल तीर वाली मुहर से होगा मतांकन
अभ्यर्थियों की संख्या एक से अधिक होने पर निर्वाचन गुप्त मतदान व्दारा किया जाएगा। पीठासीन अधिकारी प्रत्येक अभ्यर्थी को देवनागरी लिपि में वर्ण क्रमानुसार लिखे गए उसके नाम के अनुरूप एक अनुक्रमांक प्रदान करेगा। निर्वाचन में प्रत्येक सदस्य गोल तीर वाली मुहर से मतदान अंकित करेगा। मतदान के लिए गोदरेज टाईप की छोटी मतपेटी का उपयोग किया जाएगा।मतदान के तत्काल बाद मतगणना होगी।मतगणना में समान मत मिलने पर लॉट निकालकर निर्धारण किया जाएगा।
असमर्थ मतदाता को सहायक मिलेगा
कोई मतदाता अपना मतांकन करने में असमर्थ है तो पीठासीन अधिकारी ऐसे व्यक्ति को जो मतदाता का निकटतम पारिवारिक सदस्य है साथ लाने की अनुमति देगा। ऐसे सहायक की आयु 18 वर्ष से कम नहीं होना चाहिए।मतदाता को निरक्षरता का लाभ नहीं मिलेगा यदि उसके पास साक्षर होने का प्रमाण है।शारीरिक निःशक्तता ऐसी होनी चाहिए कि वह मतदान न करें यदि मतदाता विकलांग है तो विकलांगता का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है। मतदान के तत्काल बाद मतगणना होगी।मतगणना में समान मत मिलने पर लॉट निकालकर निर्धारण किया जाएगा।
मत निरस्त इन परिस्थितियों में होगा
मतदाता व्दारा मतांकन किए जाने के उपरांत मत निरस्त तब हो सकेगा जब उस पर सदस्य के हस्ताक्षर हो या कोई ऐसा शब्द या दृश्य हो जिससे मतदाता पहचाना जा सके। यदि एक से अधिक अभ्यर्थियों के नाम के सामने चिन्ह लगाया जाता है तो या चिन्ह इस प्रकार लगाया जाए जिससे यह शंका होती है कि अभ्यर्थियों में से किस अभ्यर्थी को मत दिया गया है। यदि कोई चिन्ह अंकित नहीं किया जाता है या मतपत्र पर पीठासीन अधिकारी के हस्ताक्षर न पाए जाए तो भी मतपत्र निरस्त माना जाएगा।
आरक्षण अनुसार होगा निर्वाचन
निर्वाचन की प्रक्रिया आरक्षण अनुसार संपन्न होगी जो पद जिस वर्ग के लिए आरक्षित है उस पर उसी वर्ग का व्यक्ति निर्वाचित होगा। पहले अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचन होगा जहां अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति,अन्य पिछडावर्ग का नहीं है उन जगह उपाध्यक्ष अनुसूचित जाति,जनजाति,अन्य पिछडा वर्ग में से निर्वाचित किया जाएगा। सामान्य सीट पर अध्यक्ष यदि अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति,अन्य पिछडा वर्ग का निर्वाचित हो गया हो तो उपाध्यक्ष किसी भी वर्ग का हो सकता है।अध्यक्ष पद के निर्वाचन के उपरांत ही उपाध्यक्ष पद के लिए निर्वाचन की प्रक्रिया होगी जो ठीक उसी प्रकार होगी जिस प्रकार अध्यक्ष पद के लिए संपन्न हुई है।
आरक्षण वार पदों की स्थिति
जिले के लिए आरक्षण वार पदों की स्थिति निर्धारित है।इसके अनुसार जिला पंचायत रतलाम अध्यक्ष पद अनुसूचित जनजाति (मुक्त) के लिए आरक्षित है।जनपद पंचायत रतलाम अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति महिला,जनपद पंचायत आलोट अनारक्षित (मुक्त),जनपद पंचायत जावरा अनारक्षित(मुक्त),जनपद पंचायत पिपलौदा अनारक्षित महिला,जनपद पंचायत सैलाना अनुसूचित जनजाति (मुक्त), जनपद पंचायत बाजना अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित है।
सदस्यों की स्थिति
जिला पंचायत रतलाम में सदस्यों की संख्या16 है।जनपद पंचायतों में सदस्यों की संख्या रतलाम में 25,आलोट में 23,जावरा में 22,पिपलौदा में 19,सैलाना में 15,बाजना में 20 है।
निर्वाचन की वीडियोग्राफी होगी
जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं जनपद पंचायत अध्यक्ष,उपाध्यक्ष के लिए होनेवाले निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान संपूर्ण कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग की जाएगी।निर्वाचन स्थल पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात रहेगा। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए है।