नागरिकों का संतोष ही सुशासन की सफलता
सिटीजन सेन्ट्रिक गवर्नेंस पर कार्यशाला आयोजित
रतलाम 20 अप्रैल (इ खबरटुडे)। नागरिकों का संतोष ही सुशासन की सफलता है। हमारी व्यवस्था नागरिकों पर केन्द्रित है। मध्यप्रदेश में मानीटरिंग मेकेनिज्म मजबूत है। सुशासन यहां की खासियत है। विकास के लिए सोच और संवेदनाएं महत्वपूर्ण होती है। इसके माध्यम से ही आम नागरिकों के हित में संचालित योजनाओं का लाभ उन तक पहुंच सकता है। हमें इस दिशा में सेाचकर अपना दायित्व निभाना चाहिए ताकि आम नागरिकों को उनके अधिकार उपलब्ध हो सकें। उक्त विचार सिविल सेवा दिवस के अवसर पर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित कार्यशाला में प्रभारी कलेक्टर हरजिन्दरसिंह ने व्यक्त किए। सिविल सेवा दिवस के अवसर पर दो दिवसीय कार्यक्रमों की श्रखंला में आज सिटिजन सेन्ट्रिक गवर्नेंस विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला पुलिस अधीक्षक डा.आशीष ने कहा कि हम अपने कार्य को नौकरी नहीं मानते हुए सेवा माने। देश की आजादी के बाद प्रजातांत्रिक व्यवस्था लागू होने के साथ ही हमारी व्यवस्था नागरिक केन्द्रित होगी। नागरिक हमारा लक्ष्य है और इसके लिए किए जाने वाले सभी कार्य हमारी सेवा में सम्मिलित है। इतने वर्षों बाद भी इस विषय पर चिंतन करना यह साबित करता है कि हमारे भीतर आचरणबद्व परिवर्तन अब तक नहीं आए है। हम अपने भीतर परिवर्तन लाएं और परिणामों से यह परिलक्षित हो कि हमारा हर कार्य आम नागरिकों के हित में हो रहा है। अपर कलेक्टर कैलाश वानखेडे ने कहा कि हमारे भीतर एक असामाजिक व्यक्ति निवास करता है जो हमें हम हर बेहतर कार्य करने से रोकता है। सामान्य व्यक्ति और शासकीय सेवक में एक संबंध होता है। इस संबंध के माध्यम से ही हम उसे उसका अधिकार प्रदान करते है। इसके लिए आवश्यक है कि हमारे भीतर जो अच्छा आदमी है उसे जागृत करें और आम आदमी के लिए बनाए गए नियमों का सही तरीके से पालन किया जाना सुनिश्चित करें। रतलाम रेल मण्डल की वरिष्ठ मण्डल परिचालन प्रबंधक सुश्री सुहानी मिश्रा ने कहा कि हमारा देश विश्व का सबसे बडा लोकतंत्र है जिसके केन्द्र में आमजन है। जब सोच बदलती है तो ही नीतियां बदलती है। जब तक हमारे सोच में आमजन शामिल नहीं होगा तब तक उसके लिए बनाई गई योजनाओं का लाभ उसे नहीं मिलेगा। सूचना क्रांति के युग में कई सारी सेवाएं और सुविधाएं नागरिकों को प्रदान की जा रही है लेकिन जानकारी के अभाव में और संसाधन न होने के कारण वह उसका लाभ नहीं ले पा रहा है। ऐसे में शासकीय सेवकों का दायित्व है कि उन सुविधाओं तक आम नागरिकों को पहुंचाए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डा.प्रशांत चौबे ने कहा कि स्थितियों में सुधार करने की आवश्यकता है। हमारा लक्ष्य आम नागरिक है तो परिस्थितियां भी उसके अनुकूल होना चाहिए जब तक वह हम पर विश्वास नहीं करेगा तब तक समन्वय स्थापित नहीं हो पाएगा। इसी प्रकार शासकीय सेवक जब तक उसकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेंगे तब तक उसका शासन के प्रति विश्वास नहीं बनेगा। डिप्टी कलेक्टर विरेन्द्र कटारे ने कहा कि गरीबी रेखा के निर्धारण जैसे विषयों पर हमें विशेष ध्यान देना होगा क्योंकि आम नागरिकों की अधिकांश समस्याएं इसीसे संबंधित होती है। सुविधा से संबंधित समस्याएं लेकर अगर आम आदमी शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगाए तो यह सोच की स्थिति है।इसे बदलने के लिए शासकीय सेवकों को ओर अधिक मुस्तैदी से कार्य करना होगा। परिचर्चा में जिला कोषालय अधिकारी अरविन्द गुप्ता, जिला कार्यक्रम अधिकारी सी.एल.पासी,कार्यपालन यंत्री लोकनिर्माण श्री सक्सेना,डा.निर्मल जैन ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यशाला का संचालन आशीष दशोत्तर एवं आभार प्रदर्शन संयुक्त कलेक्टर विनय कुमार धोका ने किया।