जीएम बीजों के परीक्षण की अनुमति राष्ट्रविरोधी
भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री श्री केलकर ने कहा
नई दिल्ली,5 मार्च(इ खबरटुडे)। केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री जी.एम. बीजों को फिल्ड परिक्षण की आनन-फानन में दी गई अनुमति से भारतीय संघ स्तब्ध है। भारतीय किसान यह तथ्य रेखांकित करना चाहता है कि चुनाव की पूर्व संध्या पर उठाया गया यह कदम न केवल अनैतिक है अपितु इसमें से किसी राष्ट्रविरोधी षठयंत्र का भी संकेत मिलता है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार मोंसेंटो जैसी बहुराष्ट्रीय कंम्पनियों के दबाव में यह कदम उठाया है।
यह बात भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री प्रभाकर केलकर ने यहां जारी एक बयान में कही। श्री केलकर ने कहा कि सन 1983 के जैव सुरक्षा अधिनियम का उल्लंघन करते हुए खेतोंमें होने वाला यह परीक्षण पर्यावरण में प्रदूषण करने के साथ साथ भूमि पर भी विपरित प्रभाव डाल सकता है। स्वयं अमेरिका में भी ऐसे परीक्षणों का भारी दुष्परिणाम सामने आया है। सर्वोच्च न्यायालय ने इस विषय पर एक तकनीकी विशेषज्ञ समिति गठित की थी। इस समिति ने भी ऐसे किसी परीक्षण पर दस वर्ष का प्रतिबन्ध लगाया था। वर्तमान निर्णय इस प्रतिबन्ध का भी उल्लंघन है।
श्री केलकर ने कहा कि भारतीय किसान संघ का स्पष्ट अभिमत है कि जीएम बीजों का परीक्षण वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं या ग्रीन हाउसों में किया जाना चाहिए। फील्ड ट्रायल वस्तुत: एक व्यावसायिक गतिविधि है। पर्यावरण मंत्री श्री मोईली द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद से अचानक मोन्सेन्टो कंपनी के शेयरों में भारी वृध्दि का अनुमान लगाया जा रहा है।
श्री केलकर ने कहा कि भारतीय किसान संघ दृढतापूर्वक इस निर्णय का विरोध करता है। भारतीय किसान संघ ने सरकार से मांग की है कि वह अपने इस राष्ट्र विरोधी,किसान विरोधी,तथा पर्यावरण विरोधी निर्णय को तत्काल प्रभाव से निरस्त करें। भारतीय किसान संघ हर स्तर पर इस निर्णय का विरोध करेगा।