जनसुनवाई में प्रभारी कलेक्टर ने दिए पटवारी के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देष
पटवारी ने बंटवारे के पैसे मांगे,बंटवारा भी नहीं किया
रतलाम 29 दिसम्बर(इ खबरटुडे)।जमीन के बंटवारे के लिए पटवारी द्वारा पंद्रह हजार रूपए मांगे जाने और उसके बाद भी बंटवारा नहीं करने से परेषान ग्राम हथनारा निवासी मांगीलाल पिता गोरधन ने आज जनसुनवाई में अपनी पीड़ा व्यक्त की जिस पर प्रभारी कलेक्टर हरजिन्दरसिंह ने संबंधित पटवारी के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देष दिए।
पटवारी संजय कुषवाह के विरूद्ध पूर्व में प्राप्त षिकायतों के आधार पर विभागीय जांच चल रही है इस पर प्रभारी कलेक्टर ने संबंधित को साक्ष्य सूची में दर्ज करने के निर्देष दिए।प्रति मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में आज जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए आवेदकों ने अपनी समस्यायों से संबंधित आवेदन प्रस्तुत किए।
समस्याओं को निर्धारित समय में हल करने के लिये आदेष दिये गये
आज की जन सुनवाई में प्रभारी कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ हरजिन्दरसिंह ने लोगों की समस्याओं को सुनते हुए उनका त्वरित निराकरण भी किया और कुछ समस्याओं के हल के लिये समयसीमा तय करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्धारित समय में हल करने के लिये आदेष दिये गये।
साठ-गांठ कर मंदिर की जमीन हथियाई
जनसुनवाई में जावरा क्षेत्र की गोंदीषंकर के निवासी भोलेनाथ पिता मोहन नाथ पुजारी ने षिकायत की कि ग्राम में स्थित बाबा रामदेव मंदिर की 6 बीघा ज़मीन पर उनका परिवार वर्शों से खेती करता आ रहा था पर ग्राम कें राजेन्द्र धुराजी ने पटवारी एवं गिरदावर से साठ-गांठ कर जमीन पर कब्जा कर लिया।षासकीय दस्तावेजों में भी हेर-फेर करते हुए जमीन अपने नाम करवा ली। इस पर प्रभारी कलेक्टर श्री सिंह ने पटवारी एवं गिरदावर के विरूद्ध जांच करने तथा मंदिर की जमीन को पुजारी को दिलाने संबंधी निर्देष जावरा एसडीओ को दिए।
कुषल से अर्द्धकुषल का भत्ता दिया जाने लगा
षासकीय नर्सरी जावरा,डोसीगांव,हथनारा,ताल,आंबा,रावटी एवं षिवगढ़ में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने अपने आवेदन में कहा कि वे 1985 से उद्यानिकी विभाग अंतर्गत इन नर्सरियों में कार्यरत हैं। इन्हें पहले कुषल श्रमिकों का भत्ता दिया जाता था लेकिन पिछले सात माह से अर्द्धकुषल श्रमिकों का भत्ता दिया जा रहा है। अन्य जिलों में कर्मचारियों को कुषल श्रमिकों का भत्ता ही दिया जा रहा है। प्रभारी कलेक्टर ने इस पर उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक को निर्देष दिए कि श्रमिकों को षासन द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार भत्ता दिया जाना सुनिष्चित करें।