कार्यों में लेटलतीफी बर्दाश्त नहीं, पढ़े-समझें और करें
राजस्व अधिकारियों की बैठक में कलेक्टर ने दी सख्त हिदायत
रतलाम 6 मई (इ खबरटुडे)। कलेक्टर बी. चंद्रशेखर ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों के कार्योंकी समीक्षा करते हुए समस्त अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि वे कार्योंमें किसी प्रकार की लेटलतीफी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा है कि राजस्व अधिकारियों के कर्तव्य निर्वहन में आने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए अध्ययन करना सुनिश्चित करें। अध्ययन कर नियमों को भली-भांति समझें और कार्यों को सही तरीके से संपादित करें। यदि उन्हें लगता है कि वे कार्यों को करने में सक्षम नहीं हैं तो अवगत कराएं ताकि उन्हें अन्य कार्य सौंपे जाएं। कलेक्टर ने आज बैठक में राजस्व संबंधी विभिन्ना वसुलियां, भूमियों के सीमांकन, नामांकन, बंटवारा और राजस्व न्यायालय के प्रकरणों पर अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई एवं कार्रवाई के तौर-तरीकों को दुरुस्त करने की हिदायत दी।
कलेक्टर बी. चंद्रशेखर ने बैठक में राजस्व अधिकारियों से पड़ताल की कि भू-राजस्व की वार्षिक मांग कितनी है और पंचायत उपकर तथा शाला उपकर की वसूली की स्थिति क्या है। उन्होंने पूछा कि सभी जगह अर्थदंड पंजी संधारित हो रही है अथवा नहीं। यदि पंजी संधारित हो रही है तो कितना अर्थदंड वसूल किया गया है। संतोषप्रद जानकारी और उत्तर प्राप्त न होने पर उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि यदि आपके द्वारा अर्थदंड किया गया है तो उसे वसूल किया जाना सुनिश्चित करें। बैठक में नगर निगम रतलाम से 2 करोड 68 लाख प्रब्याजी बकाया होने पर कलेक्टर श्री चंद्रशेखर ने नगर निगम को नोटिस देकर वसूल किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नगर निगम यदि एकमुश्त राशि नहीं चुका सकता है तो किश्तों में वसूली की जाए। उन्होंने प्रकरण को प्रति सोमवार होने वाली समय सीमा की बैठक में भी रखने के निर्देश दिए।
नजूल भूमि का नोटिफिकेशन क्यों नहीं हुआ
बैठक में कलेक्टर ने सख्त तेवर दिखाते हुए राजस्व अधिकारियों को नजूल भूमि के नोटिफिकेशन नहीं होने पर जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि 15 मई तक जिले में ताल, सैलाना, पिपलौदा के साथ ही अधिक जनसंख्या वाले बड़े गांव जैसे बिलपांक, बिरमावल इत्यादि की परिधि में आने वाली भूमियों का चिन्हांकन कर सूचियां तैयार की जाकर सौंपी जाए। उन्होंने जिले की समस्त नजूल भूमियों के नोटिफिकेशन के लिए कार्रवाई करने के निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने ऐसी समस्त भूमियों के जिनके पट्टे जारी होने के बाद उनके उपयोग में परिवर्तन अनुसार आवश्यक राजस्व राशि वसूल करने के निर्देश दिए।
राजस्व निरीक्षक ही डायवर्शन आरआई का कार्य करेगा
कलेक्टर ने बैठक में डायवर्शन संबंधी कार्यों की धीमी गति पर जिले में एक ही डायवर्शन आरआई होने संबंधी जानकारी पर समस्त राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि संबंधित अनुभाग में कार्यरत राजस्व निरीक्षक ही डायवर्शन का काम भी देखेंगे। उन्होंने इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए। अब जिले में डायवर्शन संबंधी कार्य लंबित नहीं रहेंगे और इन्हें शीघ्रता से पूर्ण किया जा सकेगा। कलेक्टर ने कहा कि अगली बैठक में डायवर्शन संबंधी मामले लंबित होने संबंधी जानकारी होने पर संबंधित अनुविभागीय अधिकारी के विरुध्द कार्रवाई की जाएगी।
कोर्ट में नियमित व तय समय पर बैठना सुनिश्चित करें
कलेक्टर ने राजस्व न्यायालयों द्वारा प्रकरणों के निराकरण नहीं होने पर राजस्व अधिकारियों को हिदायत दी कि वे राजस्व न्यायालय के पीठासीन अधिकारी होने के नाते नियमित रूप से तय समय पर बैठकर प्रकरणों का निराकरण किया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी अधिकारियों को उनके न्यायालय में विवादित नामांतरण एवं सीमांकन संबंधी दो सबसे पुराने प्रकरणों को अगली बैठक में लेकर उपस्थित होने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने अधिकारियों को चेताया है कि यदि उनके न्यायालय में बगैर पंजीयन के कोई प्रकरण पाया जाता है तो सीधे वरिष्ठों को उनके निलंबन की कार्रवाई हेतु प्रस्ताव भेजा जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रकरण का पंजीयन अधिकारी द्वारा पूर्ण संतुष्ट होने पर ही किया जाए। अनावश्यक रूप से विभिन्न धाराओं में प्रकरण पंजीबध्द कर आमजनता को प्रताड़ित करने का काम नहीं किया जाए।
राजस्व संबंधी धाराओं का अध्ययन करें
बैठक में कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों से सीआरपीसी की धारा 97 व 98 में अंतर पूछा। उन्होंने राजस्व अधिकारियों द्वारा धारा 110, 133, 145 के प्रकरणों में की जाने वाली कार्रवाइयों के बाबद पड़ताल करते हुए हिदायत दी कि वे इनका भली-भांति अध्ययन करें ताकि मामले लंबित न रहें और आमजन को परेशानी न हो। साथ ही समय पर आमजन को न्याय मिल सके। कलेक्टर ने 10716 के प्रकरणों को पूर्ण जांच पड़ताल उपरांत ही पंजीबध्द करने और नियमानुसार त्वरित रूप से आवश्यक कार्रवाई किए जाने हेतु गंभीरता से अध्ययन करने की हिदायत दी।