एमपी: शिवराज ने राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता को हटाया, बीजेपी नेता को मारा था थप्पड़
भोपाल,24 मार्च(इ खबरटुडे)। मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कुछ अहम फैसले किए। उन्होंने निगम आयोग के सभी राजनैतिक मनोनयन निरस्त कर दिए हैं। इसके अलावा राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता और एसडीएम प्रिया वर्मा को हटा दिया गया है। इसके अलावा, रीवा नगर निगम कमिश्नर सभाजीत यादव को भी हटा दिया गया है। निधि वही अधिकारी हैं जिन्होंने जनवरी में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे बीजेपी नेता को थप्पड़ मारा था। प्रिया वर्मा की प्रदर्शनकारियों से झड़प हुई थी। विवाद के बाद, शिवराज ने दोनों अधिकारियों पर सरकार के समर्थन में काम करने का आरोप लगाया था। अब सरकार बनने पर शिवराज ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई की है।
जनवरी का है मामला
राजगढ़ जिले के ब्यावरा में 19 जनवरी को CAA के समर्थन में रैली निकली थी। इस दौरान, वहां मौजूए एक बीजेपी कार्यकर्ता को कलेक्टर निधि निवेदिता ने थप्पड़ जड़ दिया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लोगों और प्रशासन के अधिकारियों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई थी। डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा की प्रदर्शनकारियों से झड़प भी हुई। फिर निवेदिता ने पुलिस महकमे के एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) को भी थप्पड़ मार दिया। जांच में यह शिकायत सही पाई गई।
तब क्या बोले थे शिवराज?
एएसआई को थप्पड़ मारने की घटना सामने आने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया था, ‘सिद्ध हो चुका है कि राजगढ़ कलेक्टर ने अपनी सीमा लांघ कर पहले तो संसद में बने कानून का समर्थन कर रहे कार्यकर्ताओं पर थप्पड़ बरसाए और इसके साथ ही एक एएसआई को भी थप्पड़ मारा। कमलनाथ जी से मेरा सवाल है कि क्या अब भी इन्हें बचाया जाएगा या फिर इन पर कार्रवाई की जाएगी?
तेवरों की वजह से चर्चा में रही हैं निधि
2012 बैच की आईएएस ऑफिसर निधि निवेदिता की पहली पोस्टिंग झाबुआ में बतौर असिस्टेंट कलेक्टर हुई थी। इसके अलावा वह एकीकृत बाल विकास योजना की प्रॉजेक्ट डायरेक्टर और इंदौर की अडिशनल कलेक्टर भी रह चुकी हैं। सिंगरौली जिले में जिला पंचायत CEO के तौर पर तैनाती के दौरान उन्होंने शौचालय बनवाने में घपला करने वाले पंचायत सचिव से उठक-बैठक करवाई थी।
प्रिया ने बचाव में क्या कहा था?
घटना के बाद, नवभारत टाइम्स से बातचीत में कहा था कि ‘इन लोगों ने हुड़दंग मचाया। इन्होंने कार्यपालक मैजिस्ट्रेट और मेरे कपड़े खींचे। हमने इन कार्यकर्ताओं से कहा कि थाने चलिए, वहां बात की जाए लेकिन ये लोग खुद को छुड़वाकर भाग रहे थे। किसी ने मेरी पीठ पर बहुत तेजी से लात मारी थी।’ उन्होंने कहा था कि ‘मैं भीड़ को तितर-बितर कर रही थी। मैंने लोगों से कहा कि आप लोग आगे न जाइए, वहीं बैठ जाइए, लोगों ने बात भी मान ली। इसी दौरान एक शख्स पीछे से गालीगलौच करते हुए आगे आया। हमने उसे संभालने की कोशिश की, उसके अपशब्दों की वजह से उसे थप्पड़ मारे थे। इसके बाद लोगों ने मेरे साथ अभद्रता करना शुरू कर दिया।’