जिलें के जीडी अस्पताल में आयुष्मान कार्ड धारियों को मिल रही बेहतर चिकित्सा सुविधा
रतलाम,25अक्टूबर ( इ खबर टुडे ) । केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना प्रारंभ की ताकि निम्न और मध्यम आय वर्ग के मरीजों को भी नीजि अस्पतालों में अच्छा ईलाज मिल सके। लेकिन जिले में अब तक केवल एक ही निजी अस्पताल है जो नार्म्स पूरे करके आयुष्मान ईलाज की श्रेणी में मान्यता प्राप्त सका है। जीडी अस्पताल को आयुष्मान कार्ड से ईलाज की मान्यता प्राप्त होने से निम्न आय वर्ग को लोगों को विशेष लाभ मिल रहा है।
जिला आयुष्मान अधिकारी दीपेश शर्मा ने बताया कि जीडी अस्पताल को 1 जून 2020 को उनके द्वारा आयुष्मान कार्ड पर गरीब और जरूरतमंद मरीजों का ईलाज करने की इच्छा व्यक्त करने और विशेषज्ञों की टीम, साफ-स्वच्छ वातावरण, जरूरी उपचार संसाधन आदि के नार्म्स पूरे करने पर शासन द्वारा ईलाज की मान्यता दी गई है। अस्पताल के आयुष्मान नोडल अधिकारी एनके पाटीदार ने बताया कि अस्सी फीट रोड स्थित जीडी हॉस्पिटल जिले का एकमात्र ऐसा अस्पताल हैं जहां हड्डियों की जटिल से जटिल सर्जरी वाजिब दरों पर सुविधाओं के साथ हो सकती है। आयुष्मान कार्ड धारियों के लिए यह जिले का एकमात्र सहारा है, जहां जून से अब तक 105 लोगों की सर्जरी कार्ड के जरिये हुई है। इससे मरीजों के लिए जटिल और कष्टकर उपचार सरकार के सहयोग से निशुल्क ही मिल रहा है। यही कारण है कि यहां पूरे जिले के अतिरिक्त बांसवाड़ा, बदनावर, कुशलगढ, प्रतापगढ, मंदसौर, नीमच आदि कई जिलों के मरीज ईलाज के लिए आ रहे हैं।
यह सुविधा जो सिर्फ यहीं है उपलब्ध
-जीडी अस्पताल हड्डियों से संबंधित किसी भी प्रकार की सर्जरी और ईलाज का सबसे बड़ा और विश्वसनीय केंद्र है। उल्लेखनीय है कि इसके पहले तक लोगों को हड्डियों से संबंधित समस्या के ईलाज के लिए इंदौर, बड़ौदा, अहमदाबाद आदि शहरों में जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। पंरतु जीडी अस्पताल में ही संभाग का पहला नीजि मॉड्यूलर ओटी के साथ जोइंट रिप्लेसमेंट की शुरूआत की गई। इसके बाद से अब तक अस्पताल में हजारों की संख्या में सफल आॅपरेशन किए जा चुके हैं। विशेषज्ञ एवं अस्पताल के संस्थापक डॉ. लेखराज पाटीदार द्वारा घुटने, कूल्हे, कलाई आदि के रिप्लेसमेंट, किसी भी तरह के एक्सिडेंट केस में टूटी हड्डियों की सर्जरी में विशेषज्ञता के साथ मरीजों का विश्वास मिला है। इसके साथ ही अस्पताल में हर्निया, अपेंक्डिक्स, गायनिक, बच्चों से संबंधित सर्जरी, चेहरे और जबड़े की विशेष सर्जरी होती है।
डेढ से दो लाख की सर्जरी पड़ रही निशुल्क
बदलती दिनचर्या के साथ ही लोगों में घुटने, कूल्हे के असहनीय दर्द, जोड़ खराब होने और एक्सिडेंट आदि में फ्रैक्चर होने पर जोड़ बदलने की दरकार बहुत तेजी से बढ रही है। कुछ सालों पहले तक जिले के सभी मरीजों को जोइंट रिप्लेसमेंट की जरूरत होने पर केवल बड़ौदा, अहमदाबाद, इंदौर, मुंबई जैसे शहरों में ही ईलाज मिलता था वह भी लाखों रुपए शुल्क पर। ऐसे में गरीब मरीज दर्द के साथ जीने को मजबूर था। पंरतु जीडी अस्पताल ने जिले में पहला जोड़ प्रत्यारोपण केंद्र बनने के साथ ही हड्डियों की सर्जरी में क्रांतिकारी सुधार किया। रतलाम में ही बड़े शहरों में मिलने वाला ईलाज उपलब्ध होने से मरीजों को बड़ी सहायता मिली। हालांकि इस सर्जरी में इप्लांट आदि का खर्च होने से डेढ़ से दो लाख रुपए तक खर्च होता है, जो आयुष्मान कार्ड धारियों को निशुल्क मिल रहा है। आयुष्मान कार्ड धारियों के ईलाज का यह पूरा खर्च सरकार दे रही है जिससे इनके जीवन में बहुत राहत मिली है।