चुनावी मदद के बदले गिरवी रखा सरपंच का पद
पांच सौ रु.के स्टाम्प पर नोटराइज्ड शपथपत्र से सौंपी सरपंची
रतलाम,२३ जून(इ खबरटुडे)। जिले की ग्राम पंचायत मेवासा में पंचायत चुनाव के दौरान की गई आर्थिक मदद के बदले सरपंच पद ही गिरवी रखे जाने का रोचक मामला सामने आया है। गिरवी रखवाने वाले ने बाकायदा पांच सौ रुपए के स्टाम्प पर अनुबन्धपत्र करवा कर इसे नोटरी द्वारा तसदीक भी करवाया।
मामला तब उजागर हुआ,जब ग्राम पंचायत में नए सचिव मांगीलाल चौधरी की नियुक्ति हुई। ग्राम पंचायत मेवासा में नए सचिव मांगीलाल चौधरी की पदस्थापना के बाद जब उन्होने पंचायत के कार्यो में दीपक शर्मा नामक व्यक्ति के अनावश्यक हस्तक्षेप को रोका,तब दीपक शर्मा ने सचिव से कहा कि ग्राम पंचायत का सरपंच पद उसने गिरवी रखा हुआ है। दीपक शर्मा ने पंचायत सचिव को सरपंच पद गिरवी रखे जाने के दस्तावेज भी दिखाए।
अब सामने आए मामले के मुताबिक ग्राम पंचायत की महिला सरपंच बगदीबाई,जब सरपंच का चुनाव लड रही थी,तब गांव के ही दीपक शर्मा नामक व्यक्ति ने उन्हे चुनाव लडने के लिए पन्द्रह हजार रु.की मदद की थी। बगदीबाई सरपंचा का चुनाव जीत गई थी। सरपंच पद का चुनाव २२ फरवरी २०१५ को हुआ था। चुनाव जीत कर सरपंच बनी बगदीबाई से मात्र दो ही दिन बाद दीपक शर्मा ने चुनाव में दी गई सहायता के बदले सरपंच पद अपने नाम लिखवा लिया। इसके लिए दीपक शर्मा ने पांच सौ रुपए के स्टाम्प पर बाकायदा अनुबन्ध पत्र संपादित करवाया। इस अनुबन्ध पत्र में सरपंच बगदीबाई ने दीपक शर्मा को सरपंच पद का मुख्त्यारनामा (पावर आफ अटार्नी) कराते हुए सरपंच पद के सारे अधिकार दीपक शर्मा को सौंप दिए है। अनुबन्ध पत्र में कहा गया है कि सरपंच पद के सारे दायित्व व अधिकारों का उपयोग दीपक शर्मा ही करेंगे साथ ही अधिकारियों व जनता से मिलने का काम भी दीपक शर्मा ही करेंगे। मजेदार बात यह है कि जिला न्यायालय के नोटरी एवं अधिवक्ता कैलाश शर्मा ने इसकी तसदीक भी कर डाली। इस पूरे घटनाक्रम में सरपंच बगदीबाई के पति कन्हैयालाल की भी सहमति थी। कन्हैयालाल गांव में ही मजदूरी करता है।
ग्राम पंचायत के सचिव मांगीलाल चौधरी ने बताया कि सरपंच पद को इस तरह गिरवी रखे जाने का मामला जानकारी में आते ही उन्होने जनपद पंचायत को इस बात की सूचना दे दी है। अतिरक्त जिला दण्डाधिकारी कैलाश वानखेडे ने बताया कि मीडीया के माध्यम से इस आशय की सूचनाएं मिली है। उन्होने रतलाम जनपद पंचायत को मामले की जानकारी देने को कहा है,जिससे कि प्रकरण की जांच की जाकर इस कार्यवाही की जा सके। श्री वानखेडे ने बताया कि निर्वाचित पद को इस तरह किसी को गिरवी नहीं रखा जा सकता। यह गंभीर मामला है और इसमें दोषी पाए गए सभी व्यक्तियों के विरुध्द कडी कार्यवाही की जाएगी।