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हड़ताल का असर -दूध की दुकानों पर लम्बी लाइनो का मंजर

रतलाम ,02जून(इ खबरटुडे)।प्रदेश में दूसरे दिन भी किसानों का आंदोलन जारी है ,जहां कई शहरो से किसानों और व्यापारियों में झड़प की खबरे आ रही है,वही आपूर्ति नहीं होने से दूध और सब्जियों की कालाबाजारी होने लगी है. आज रतलाम शहर में भी दूध व सब्जियों के लिए आम लोग परेशान दिखाई दिए.शाम होते होते कई दूध विक्रेताओ की दूकान पर लोगों की लम्बी कतारे नजर आने लगी.

डॉक्टरों के अनुसार तो दूध व हरी सब्जियों का महत्व शरीर के लिए तो हर मौसम में होता है,लेकिन भीषण गर्मी के दौर में तो इनका महत्व ओर भी अधिक बढ़ जाता है और ऐसी स्थति में दूध और सब्जियों की हड़ताल जनता के लिए बड़ी समस्या रूप में सामने आई है,दूध विक्रेताओ की दूकान पर लम्बी कतारो नजर आने लोगो ने बताया कि हड़ताल किसी भी विषय का उचित निराकरण नहीं है,एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि वह दिनभर गर्मी में मेहनत मजदूरी करता है घर जाते-जाते भी दूध की लम्बी कतारो से हो रही परेशानी को भी झेलना पड़ता है, दूध विक्रेताओ की दूकान पर लम्बी लाइन के चलते सड़को पर भी यातायात प्रभावित होने लगा. मौके पर कुछ समय बाद पुलिस ने पहुंचकर बिगड़ती स्थित को नियत्रण में लिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रतलाम सांची दुग्ध सयत्र पर आमदिनों में 32 हजार लीटर दूध की आवक होती है लेकिन हड़ताल के चलते एक जून से मात्र 3 हजार लीटर दूध ही दुग्ध सयत्र पर पहुंचा और आज दो जून मात्र 30लीटर दूध ही पहुंचा ।शहर में 18 सांची पार्लर और 80 बूथ है.पुरे शहर करीब 8000लीटर दूध की सप्लाई होती है.रतलाम सांची दुग्ध सयत्र के आकड़ो के अनुसार हड़ताल के चलते एक जून को 12हजार लीटर दूध की सप्लाई हुई और आज 19हजार की सप्लाई की गई, रतलाम सांची दुग्ध सयत्र के अधिकारियों ने बताया कि सांची के पास अभी 80 हजार लीटर दूध उपलब्ध है,सांची दुग्ध सयत्र पर 5 प्रकार के दूध का उत्पादन किया जाता है लेकिन हड़ताल के चले अधिकारियों केवल एक प्रकार के दूध के उत्पादन करने का फैसला किया है.

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