हैलमेट की अनिवार्यता से मोटी कमाई
धडल्ले से हो रही है नकली हेलमेट की बिक्री,नियमों का खुला उल्लंघन भी
रतलाम,11 अप्रैल(इ खबरटुडे)। दोपहिया वाहनों पर हैलमेट की अनिवार्यता के चलते जहां यातायात कर्मियों को मोटी कमाई हो रही है,वहीं नकली आईएसआई मार्का वाली घटिया हेलमेट की बिक्री धडल्ले से हो रही है। हैलमेट की सख्ती के मद्देनजर पूरा शहर जैसे हेलमेट का विक्रय केन्द्र बन गया है। हर सड़क पर हैलमेट की दुकानें सज गई है। सड़क किनारे इस तरह का व्यवसाय ट्रैफिक नियमों का सरासर उल्लंघन है लेकिन लोगों को हैलमेट पहनाने में व्यस्त पुलिस को इस नियम उल्लंघन से कोई लेना देना नहीं है।
उल्लेखनीय है कि विगत दिनों दोपहिया वाहनों के सुरक्षा के नाम पर प्रदेश में हैलमेट को अनिवार्य कर दिया गया है। हैलमेट को अनिवार्य करते ही प्रशासन और पुलिस को दूसरे सारे काम छोडकर लोगों को हैलमेट पहनाने के काम पर लगा दिया गया। प्रशासन ने पैट्रोल पंप संचालकों की बैठकें लेकर उन्हे भी कडे निर्देश दिए कि बगैर हैलमेट पहने किसी वाहन चालक के वाहन में पैट्रोल ना भरा जाए। सड़कों पर जैसे ही पुलिस की सख्ती बढी,वाहन चालकों के लिए हैलमेट खरीदना मजबूरी हो गया।
इधर हैलमेट अनिवार्यता की सख्ती बढना शुरु हुई और उधर शहर की हर सड़क पर हैलमेट की दुकानें सजने लगी। शहर की अधिकांश सड़कों पर इन दिनों हैलमेट बेचने वाले नजर आ जाएंगे।
मजबूत सूचना तंत्र
सड़क पर हैलमेट बेच रहे हैलमेट विक्रेता आगरा से आए हैं। इनका सूचना तंत्र इतना मजबूत है कि इन्हे पहले ही पता होता है कि किस शहर में कब हैलमेट को लेकर सख्ती की जाएगी। जैसे ही किसी शहर में हैलमेट को लेकर सख्ती की जाती है,ये अपना ताम झाम ेकर दर्जनों की तादाद में उस शहर में इक_े हो जाते है। गीता मन्दिर रोड पर हैलमेट बेच रहे एक हैलमेट विक्रेता ने बताया कि हैलमेट बनाने वाली कंपनियों के पुलिस मुख्यालयों से सीधे तार जुडे होते हैं। कंपनियां,हैलमेट अनिवार्यता को लेकर सख्ती कराने के लिए पुलिस महकमे को सेवाशुल्क भी अदा करती है। पहले तो हैलमेट के अभियान जिलावार किए जाते थे। उस समय हेलमेट विक्रेताओं को पता होता था कि किस जिले में कब सख्ती की जाएगी। बस वे उसी समय उन जिलों में पंहुच जाते थे और जमकर चांदी काटते थे। अब तो पूरे प्रदेश में एक साथ अभियान चल रहा है। हैलमेट निर्माता कंपनियों की तो लाटरी निकल गई है। कंपनियों के साथ साथ सड़क पर दुकानें सजाने वाले भी जमकर कमाई कर रहे है।
नकली आईएसआई मार्क
मजेदार बात यह भी है कि जिस सुरक्षा के नाम पर हैलमेट को अनिवार्य बनाया जा रहा है,उसी के विक्रय में सुरक्षा का मखौल उडाया जा रहा है। पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी सचाई से वाकिफ है,लेकिन फिर भी मौन है। हैलमेट,दुर्घटना की स्थिति में शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंग सिर को चोटों से बचाने का काम करता है। इसलिए यह जरुरी है कि हैलमेट मजबूत हो और सुरक्षा मानकों पर खरा उतरता हो। यदि हैलमेट ही घटिया क्वालिटी का होगा तो यह दुर्घटना की स्थिति में अधिक घातक और नुकसानदायक हो सकता है। घटिया हैलमेट बचाव की बजाय नुकसान पंहुचा सकता है। इसलिए इसकी मजबूती अनिवार्य है। सड़कों पर बेचे जा रहे हैलमेट सुरक्षा मानकों के लिहाज से किस स्तर के है कोई नहीं जानता। इन हैलमेट्स पर आईएसआई मार्का छापा गया है। लेकिन यह आईएसआई मार्का निश्चित तौर पर नकली है। क्योकि कोई हैलमेट विक्रेता किसी खरीददार को न तो बिल देता है और ना ही इस हैलमेट की कोई गारंटी है। यहां तक कि हैलमेट के उत्पादक का भी पता ठिकाना गलत हो सकता है। धडल्ले से बिना बिलों के बेचे जा रहे हैलमेट विक्रय कर आदि की खुली चोरी तो है ही।
यातायात नियमों का खुला उल्लंघन
यातायात पुलिस यातायात नियमों की दुहाई देकर हैलमेट के लिए सख्ती कर रही है। लेकिन यही सख्ती यातायात नियमों के उल्लंघन का आधार भी बन रही है। लेकिन नियमों के इस उल्लंघन से यातायात महकमे को कोई लेना देना नहीं है। हैलमेट विक्रेता सड़क किनारे दुकानें सजा कर बैठे है। यह अपने आप में यातायात नियमों का सरासर उल्लंघन है,लेकिन चूंकि इसी व्यवसाय से यातायात महकमें को कमाई मिल रही है,इसलिए यातायात नियमों का यह उल्लंघन यातायात पुलिस को स्वीकार है।
जहां दुर्घटनाएं,वहां निष्क्रियता
यातायात पुलिस की सारी सख्ती वहां हो रही है,जहां दुर्घटनाओं का प्रतिशत बेहद कम है। जहां दुर्घटनाओं में मौत की लगातार घटनाएं हो रही है,वहां पुलिस और प्रशासन पूरी तरह निष्क्रिय है। नयागांव लेबड फोरलेन पर आए दिन लोग दुर्घटनाओं में मर रहे हैं। इस सड़क पर वाहन चलाने वाले वाहन चालकों को सुरक्षित ड्राइविंग के सुव्यवस्थित प्रशिक्षण की नितांत आवश्यकता है। अधिकांश दुर्घटनाएं वाहन चालकों की लापरवाही और अज्ञानता के कारण हो रही है। फोरलेन से जुडे फन्टो पर आने वाले ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिए जाने की जरुरत है कि फोरलेन पर किस तरह प्रवेश करें। इसी तरह फोरलेन के रोड डिवाइडर जगह जगह तोड दिए गए है। इन स्थानों पर रोड क्रास करने के चक्कर में दुर्घटनाएं हो रही है। रोड डिवाइडर तोडने वाले,यहां से रोड क्रास करने वाले और फोरलेन पर उलटा चलने वालों के खिलाफ यदि काडी कार्रवाई शुरु हो जाए तो दुर्घटनाओं में काफी कमी लाई जा सकती है। लेकिन पुलिस और प्रशासन ने आज तक इस दिशा में सोचा तक नहीं है।