December 24, 2024

हाईकोर्ट ने शिवराज सिंह का फैसला पलटा,6000 कॉलोनियां फिर से अवैध हो गईं,जिम्मेदार डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, आरआई, अवैध कॉलोनाइजर के खिलाफ कार्रवाई की जाए

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ग्वालियर,3 जून (इ खबरटुडे)। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने पूर्ववर्ती शिवराज सरकार के अवैध कॉलोनियों को वैध करने के फैसले को पलट दिया है। इसके साथ ही वह सभी कॉलोनियां फिर से अवैध हो गईं हैं, जिन्हें वैध किया गया था। हाईकोर्ट ने सोमवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया है। साथ ही कॉलोनियों को वैध करने वाले सर्किल अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कोर्ट का ये फैसला पूरे प्रदेश में लागू माना जाएगा।

इस योजना की शुरुआत मई 2018 में मुख्यमंत्री रहते हुए शिवराज सिंह ने ग्वालियर से ही की थी। याचिकाकर्ता और एडवोकेट उमेश बोहरे ने कहा था कि प्रदेश की शिवराज सरकार ने 2018 में अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए कई सारी योजनाओं को नियमों के विपरीत लाभ लेने के कोशिश की है। साथ ही इससे शिवराज सरकार को 25 हजार करोड़ का फायदा हुआ।

कोर्ट ने अपने आदेश में खत्म की धारा-15 A

सरकार द्वारा प्रदेश में बस चुकी अवैध कॉलोनियों को धारा 15 A के तहत वैध किया जा रहा है, जो नियम विरुद्ध है। मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने तत्कालीन प्रदेश सरकार के साथ-साथ मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव राजस्व समेत पांच लोगों को पार्टी बनाया था।याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में ऐसे सरकारी सर्वे नंबर पेश किए, जिन्हें नियम विरूद्ध वैध कॉलोनियों में शामिल कर दिया गया। सभी तथ्य जानने के बाद हाईकोर्ट ने शिवराज सरकार की धारा-15 A को खत्म कर दिया है।

दोषी अफसरों पर कार्रवाई के निर्देश

इस धारा-15 A जिसके बाद अब फिर से अवैध से वैध हुई कॉलोनियां फिर से अवैध हो गयी हैं। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने निर्देश दिए कि अवैध कॉलोनियों को बसाने के दौरान जिम्मेदारों अफसरों के खिलाफ भी निगम की धारा 292 E के तहत कार्रवाई की जाये इसके लिए दोषी उस सर्किल के डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, आरआई, अवैध कॉलोनाइजर के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

6 हजार कालोनियों होनी थी वैध

8 मई 2018 को प्रदेश भर की अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। इसकी शुरुआत ग्वालियर से की गई थी। इसके तहत ग्वालियर नगर निगम सीमा की 690 अवैध कॉलोनियों में पहले चरण में 63 अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा की गई थी। इसके साथ ही प्रदेश की 4624 कॉलोनियों को वैध करने का एलान किया था। लेकिन अब हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद यह कालोनियां फिर से अवैध हो गयी है। हालांकि शिवराज सरकार के समय ही शासन की इस योजना को कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

प्रदेश में अवैध कालोनियों की स्थिति

5197 अवैध काॅलोनियां हैं।
4759 वैध किए जाने योग्य कालोनियों की संख्या।
237950 परिवार वैध किए जाने योग्य कालोनियों में।

सीएम ने कहा था- अवैध शब्द गाली जैसा
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर में कहा था कि अवैध शब्द गाली जैसा है। ये मुझे चुभता है। किसी गरीब व्यक्ति ने अपनी पूंजी से प्लॉट खरीद लिया और उसे कांग्रेस की पिछली सरकारें अवैध घोषित कर गईं लेकिन प्रदेश में अब कोई कॉलोनी अवैध नहीं रहेगी।

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