December 24, 2024

सांसद प्रतिनिधि अनिल झालानी पर धोखाधडी का आरोप

land jhalani

बिना जमीन के बेच दिया प्लाट,कब्जे के लिए भटक रहा 73 वर्षीय बुजुर्ग
रतलाम,5 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। कांग्रेस का टिकट लेकर विधायक बनने का ख्वाब देख रहे सांसद प्रतिनिधि अनिल झालानी की असलियत सामने आने लगी है। अनिल झालानी ने 33 साल पहले बिना जमीन के ही एक प्लाट बेच दिया। प्लाट का खरीददार 73 वर्षीय बुजुर्ग पिछले 33 साल से कब्जे के लिए भटक रहा है। अनिल झालानी ने उक्त प्लाट बेचने के पहले न तो जमीन का डायवर्शन कराया था,और ना ही कालोनी काटने की अनुमति ही ली थी।
कलेक्टर और एसपी को की गई एक लिखित शिकायत में सांसद प्रतिनिधि पर धोखाधडी का गंभीर आरोप लगाया गया है। न्यूरोड निवासी महेन्द्र अग्रवाल 73 ने कलेक्टर व एसपी को प्रस्तुत शिकायत में उनके साथ हुई धोखाधडी की विस्तार से जानकारी दी गई है। शिकायत में बताया गय है कि करीब 33 वर्ष पूर्व 1980 में अनिल झालानी ने बरबड रोड पर स्थित त्रिमूर्ति नगर का एक प्लाट शिकायतकर्ता को बेचा था और इसकी रजिस्ट्री भी करवा दी थी। रजिस्ट्री कराने के बाद जब जब खरीददार श्री अग्रवाल ने प्लाट के कब्जे की मांग की,अनिल झालानी टालमटोल करते रहे।
प्लाट बेचने के करीब 22 वर्ष बाद  वर्ष 2002 में अनिल झालानी ने त्रिमूर्ति नगर के भूखण्ड खरीदने वाले सभी व्यक्तियों को एक पत्र भेज कर इस बात की सूचना दी कि अनेक भूखण्ड धारकोंको उनके भूखण्ड नहीं मिल रहे है और इन पर अन्य लोगों ने अतिक्रमण भी कर लिया है। इसलिए सभी भूखण्डधारकों को उनके भूखण्ड की सही स्थिति दिखाने व कब्जा देने के लिए समस्त प्लाट धारकों की एक बैठक कालोनीस्थल पर आहूत की गई है।
जब प्लाट धारकों को बैठक की सूचना मिली तो उन्हे लगा कि शायद उन्हे उनके भूखण्ड मिल जाएंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ,निर्धारित समय पर कोई बैठक नहीं हुई,और ना भूखण्ड धारकों को उनके भूखण्ड ही मिल पाए।
श्री अग्रवाल ने अपनी शिकायत में कहा है कि वर्ष 2002 से अब तक ग्यारह वर्ष गुजर चुके है। इन ग्यारह वर्षों में वे हजारों बार कालोनाईजर अनिल झालानी से प्लाट की स्थिति बताने और कब्जा लेने के लिए संपर्क कर चुके है,लेकिन श्री झालानी कोई सुनवाई ही नहीं करते। श्री अग्रवाल ने आशंका जताई है कि या तो अनिल झालानी ने बिना जमीन के ही प्लाट बेच डाला या फिर उन्हे बेचे गए प्लाट को किसी अन्य व्यक्ति को भी बेच दिया गया। इसी वजह से उन्हे न तो प्लाट की स्थिति बताई जा रही है और ना ही कब्जा दिया जा रहा है।
श्री अग्रवाल ने बताया कि सांसद प्रतिनिधि अनिल झालानी ने वर्ष 1980 में जिन प्लाटों को बेचा था उसमें भी तमाम अनियमितताएं की गई थी। उन्होने बिना कालोनी विकसित करने की अनुमति लिए प्लाट बेचे थे। इसके अलावा विक्रय से पूर्व जमीन का डायवर्शन भी नहीं करवाया था। उक्त दोनो ही कृत्य आपराधिक कृत्य है। श्री अग्रवाल ने इस मामले में अनिल झालानी के विरुध्द आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की है।
और भी कई है पीडीत
उल्लेखनीय है कि बरबड रोड पर अवैध तरीके से बनाए गए त्रिमूर्ति नगर के अनेक भूखण्ड धारक श्री झालानी से पीडीत है। अपने खून पसीने की कमाई से अपने घर का सपना साकार करने के लिए उन्होने श्री झालानी पर भरोसा करके भूखण्ड खरीदे थे,लेकिन उनकी मेहनत की कमाई भू माफिया ने डकार ली और सीधे साधे लोगों का अपने घर का सपना अधूरा ही रह गया। जानकार सूत्रों का कहना है कि अनिल झालानी ने शहर में दर्जनों वैध अवैध कालोनियां काटी है,जहां इस प्रकार की सैकडों गडबडियां है। शहर में ऐसे लोगों की बडी तादाद है,जो अनिल झालानी द्वारा की गई विभिन्न प्रकार की धोखाधडियों से पीडीत है। उनके जीवनभर की जमापूंजी जमीनोंके गोरखधन्धे में उलझ कर रह गई है। दूसरी ओर इसी प्रकार धनार्जन करने के बाद श्री झालानी अब भू माफिया से नेता बन चुके है और शहर का प्रतिनिधित्व करने के ख्वाब देख रहे है।

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